सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार(7 मई) को उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला खाली करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछली अखिलेश यादव सरकार के उस कानून को रद्द कर दिया है जिसमें पूर्व मुख्यमंत्रियों को ताउम्र सरकारी बंगला देने का प्रावधान दिया गया था।
ख़बरों के मुताबिक, कोर्ट ने कहा कि पद को छोड़ने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भी आम नागरिक हैं, इसलिए उन्हें सरकारी आवास का सुविधा उम्र भर नहीं होनी चाहिए। कोर्ट के इस आदेश के बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, नारायणदत्त तिवारी, राजनाथ सिंह, मायावती, अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव को अपने-अपने सरकारी बंगले खाली करने होंगे।
न्यूज़ 18 हिंदी की रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री ताउम्र सरकारी आवास में रहने के हकदार नहीं हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, अखिलेश सरकार में पास हुए इस कानून को रद्द करते हुए कोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मंत्रियों की सैलरी, भत्ते व अन्य प्रावधानों से जुड़ा सेक्शन 4 (3) असंवैधानिक है।
कोर्ट ने कार्यकाल समाप्ति के बावजूद पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास में बने रहने की अनुमति देने वाले उत्तर प्रदेश के संशोधित कानून को रद्द करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के कानून में संशोधन मनमाना, पक्षपातपूर्ण है और यह समानता की संवैधानिक अवधारणा का उल्लंघन करता है।
बता दें कि, 2016 में तत्कालीन अखिलेश यादव सरकार ने एक कानून पारित किया था जिसके तहत राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सारी जिंदगी सरकारी बंगले में रह सकते हैं। लेकिन सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस कानून को रद्द कर दिया।