गुजरात: BJP की नई मुसीबत बने RSS के पूर्व प्रचारक लालजी भाई पटेल, रूपानी सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

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गुजरात में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहा है, प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) सरकार को हर रोज नई-नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। पाटीदारों के बाद अब RSS के पूर्व प्रचारक लालजी भाई पटेल ने बीजेपी के लिए नई मुसीबत बनकर उभरे हैं। राज्य में ‘भारतीय किसान संघ’ की स्थापना करने वाले पटेल ने ‘किसान क्रांति मंच’ नाम से एक अलग संगठन बनाकर बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।गुजरात में लंबे समय तक सह प्रांत प्रचारक की जिम्मेदारी निभा चुके लालजी पटेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती दी है। बता दें कि पटेल अभी भी RSS की संस्था स्वदेशी जागरण मंच से सीधे जुड़े हैं। उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र की बीजेपी सरकारों द्वारा किसानों को दी गई कर्जमाफी के जरिए गुजरात में किसानों की कर्जमाफी का मामला जोर-शोर से उठा रहे हैं। लालजी ने कहा कि जब यूपी और महाराष्ट्र में किसानों का कर्ज माफ हो सकता है तो गुजरात के किसानों का क्यों नहीं?

‘जनता का रिपोर्टर’ से बातचीत में लालजी भाई ने कहा बताया कि वह वर्तमान में आरएसएस की आर्थिक शाखा के प्रचार खंड, स्वदेशी जागरण मंच के साथ जुड़े हुए है। उन्होंने कहा कि वह 1963 में आरएसएस में शामिल हो गए और 1969 में पूर्णकालिक प्रचारक बन गए। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए वे कई बड़े आंदोलन का नेतृत्व किया। जिस वजह से आज भारतीय किसान संघ संस्था एक अलग ऊंचाई पर पहुंची है।

बीजेपी सरकार पर बोला हमला

पटेल ने पिछले दिनों पीएम मोदी के गृह जिला मेहसाणा पहुंचे और किसानों के मामले में सरकार को खुली चुनौती पेश की। उन्होंने किसानों की समस्याओं को लेकर मेहसाणा के जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा। पटेल ने कहा कि इसके अलावा वह राज्य के सभी जिलों में इस मामले को लेकर संघर्ष करेंगे।

लालजी भाई ने बताया कि मोदी सरकार ने 2014 लोकसभा चुनाव से पहले वादा किया था कि वह यह सुनिश्चित करेंगे कि किसानों को उनके इनपुट लागत की तुलना में डेढ़ गुना अधिक मिले, लेकिन इस सरकार के तीन साल बीत जाने केे बाद भी अभी तक कुछ नहीं किया गया है।

उन्होंने कहा कि 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान भी वह किसानों के समर्थन में बीजेपी सरकार के खिलाफ 14 दिन का अनशन किया था। पटेल ने कहा कि न केवल गुजरात में किसानों, लेकिन पूरे देश में बीजेपी सरकार की नीतियों के कारण गंभीर संकट में थे।

उन्होंने कहा कि गुजरात में किसान हर रोज खेती छोड़ रहे हैं। पटेल ने कहा कि बीजेपी शासित अन्य राज्यों की तरह गुजरात के किसानों का भी कर्ज माफ होना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि आरएसएस और रूपानी सरकार ने अपने-अपने दूतों को उनके पास भेजा था, लेकिन उन्होंने विरोध प्रदर्शन के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया है।

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