पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, भारतीय जनसंघ के दिवंगत नेता नानाजी देशमुख और दिवंगत गायक भूपेन हजारिका को गुरुवार को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में मुखर्जी, हजारिका के बेटे तेज और नानाजी देशमुख के करीबी रिश्तेदार विरेंद्रजीत सिंह को यह पुरस्कार प्रदान किया। हजारिका और देशमुख को यह सम्मान मरणोपरांत दिया गया है।
राष्ट्रपति भवन के भव्य दरबार हॉल में आयोजित समारोह में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कई केंद्रीय मंत्री, कांग्रेस नेता अधीर रंजन, अहमद पटेल, सुशील शिंदे, असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल समेत तमाम गणमान्य लोग उपस्थित रहे। संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इस समारोह में नहीं दिखाई दिए।
भारत रत्न पुरस्कार चार साल बाद दिया गया है। इससे पहले 2015 में यह पुरस्कार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक मदन मोहन मालवीय को दिया गया था। मुखर्जी, जिन्हें लोग प्यार से ‘प्रणव दा’ कहते हैं, इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाले पांचवें राष्ट्रपति हैं। वह 2012 से 2017 के बीच भारत के राष्ट्रपति रहे।
मुखर्जी (83) इसके साथ ही पूर्व राष्ट्रपतियों राजेंद्र प्रसाद, सर्वपल्ली राधाकृष्णन, जाकिर हुसैन और वी वी गिरि के प्रतिष्ठित क्लब में शामिल हो गए, जिन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा गया है।
मुखर्जी 1982 में 47 वर्ष की आयु में भारत के सबसे कम उम्र के वित्त मंत्री बने। 2004 से उन्होंने तीन महत्वपूर्ण मंत्रालयों- विदेश, रक्षा और वित्त मंत्रालय को संभाला और 2012 में राष्ट्र के सर्वोच्च राष्ट्रपति पद पर आसीन हुए। पिछले साल, मुखर्जी ने नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक समारोह में भाग लेकर सबको चौंकाया था।
President Kovind presents Bharat Ratna to Shri Pranab Mukherjee, former President of India. A statesman and one of India’s most respected political leader, Shri Pranab Mukherjee served the nation in various capacities in his long political career spanning over five decades pic.twitter.com/41fqJlnBHS
— President of India (@rashtrapatibhvn) August 8, 2019
नानाजी देशमुख 1928 से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े हुए थे। उनका निधन 2010 में 94 वर्ष की आयु में मध्य प्रदेश के सतना में हुआ और उन्हें पूरे भारत में आरएसएस से प्रेरित विद्यालयों की एक श्रृंखला शुरू करने के लिए जाना जाता है। वह भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में से एक थे, जो बाद में भारतीय जनता पार्टी बना। उन्हें 1975 में आपातकाल के खिलाफ जय प्रकाश नारायण के आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने वालों में शुमार किया जाता है। 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनाने में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही थी।
1926 में असम में जन्मे हजारिका एक महान गायक, गीतकार, संगीतकार, कवि और फिल्मकार थे। उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार (1987), पद्म श्री (1977), दादा साहेब फाल्के पुरस्कार (1992), पद्म भूषण (2001) और पद्म विभूषण (2012-मरणोपरांत) से सम्मानित किया जा चुका है। हजारिका ने 1952 में कोलम्बिया विश्वविद्यालय से पीएचडी की थी। 2011 में उनका निधन हो गया।
Watch LIVE as President Kovind presents Bharat Ratna to Shri Pranab Mukherjee, Shri Nanaji Deshmukh (posthumously) and Dr Bhupen Hazarika (posthumously) at Rashtrapati Bhavan https://t.co/dmvFSQQGMS
— President of India (@rashtrapatibhvn) August 8, 2019
हजारिका ने राजनीति की दुनिया में भी कदम रखा था और 2004 में भाजपा के टिकट पर गुवाहाटी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन असफल रहे थे। वह 1967-72 के दौरान असम के निर्दलीय विधायक रहे। हजारिका ने कई प्रतिष्ठित बॉलीवुड फिल्मों रुदाली, दरमियाँ, गज गामिनी, दमन और कई लोकप्रिय असमी फिल्मों में संगीत दिया, जिनमें पुरस्कार विजेता फिल्म ‘चमेली मेमसाब’ भी शामिल है। सरकार ने जनवरी में मुखर्जी, देशमुख और हजारिका को भारत रत्न से सम्मानित करने के निर्णय की घोषणा की थी। इन तीनों हस्तियों को मिलाकर अब तक 48 हस्तियों को भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका है।
मालूम हो कि भारत रत्न सम्मान का ऐलान गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर 25 जनवरी को किया गया था। यह सम्मान राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है। यह सम्मान राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है। इन सेवाओं में कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल शामिल है। (इंपुट: भाषा के साथ)