समाजवादी पार्टी (सपा) के संरक्षक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के खिलाफ केस दर्ज कराने के बाद से बेहद चर्चा में रहे पूर्व आइपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ आगामी विधानसभा चुनाव में उतरने का ऐलान किया है। उन्होंने शनिवार को एक वीडियो जारी कर कहा कि, सीएम योगी यहां से भी चुनाव लड़ेंगे, उनके खिलाफ वह भी चुनाव मैदान में उतरेंगे।
FILE Photo: PTIअमिताभ ठाकुर ने अपना एक वीडियो शेयर करते हुए अपने ट्वीट में लिखा, “कल योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर करने के बाद से तमाम साथी लगातार मुझे उनके खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए कह रहे हैं। सभी बातों पर गंभीरता से विचार कर मैंने निर्णय लिया है कि वे जहाँ से भी आगामी विधान सभा चुनाव लड़ेंगे, मैं निश्चित रूप से उनके विरुद्ध चुनाव लडूंगा।”
कल योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर करने के बाद से तमाम साथी लगातार मुझे उनके खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए कह रहे हैं. सभी बातों पर गंभीरता से विचार कर मैंने निर्णय लिया है कि वे जहाँ से भी आगामी विधान सभा चुनाव लड़ेंगे, मैं निश्चित रूप से उनके विरुद्ध चुनाव लडूंगा. pic.twitter.com/41zhECPKXP
— AmitabhThakur (@Amitabhthakur) August 14, 2021
पूर्व आइपीएस अधिकारी ने इससे पहले एक अन्य ट्वीट में लिखा था, “कई साथी कह रहे हैं कि आप योगी जी के खिलाफ चुनाव लड़ जाईये। आईडिया बुरा नहीं है। वैसे मैं भी जानता हूँ कि मुझे वोट बहुत ही कम मिलेंगे, नाममात्र के, क्योंकि मुझ में नेताओं वाले गुण नहीं हैं, पर इतना जरुर है कि उस चुनाव में योगी जी से आचार संहिता का पूर्ण पालन जरुर करवा दूंगा।”
कई साथी कह रहे हैं कि आप योगीजी के खिलाफ चुनाव लड़ जाईये. आईडिया बुरा नहीं है. वैसे मैं भी जानता हूँ कि मुझे वोट बहुत ही कम मिलेंगे, नाममात्र के, क्योंकि मुझ में नेताओं वाले गुण नहीं हैं, पर इतना जरुर है कि उस चुनाव में योगीजी से आचार संहिता का पूर्ण पालन जरुर करवा दूंगा.
— AmitabhThakur (@Amitabhthakur) August 13, 2021
अमिताभ ठाकुर को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस साल मार्च में अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई थी। सेवानिवृत्ति के दौरान अमिताभ ठाकुर आईजी के पद पर तैनात थे। सरकार के इस कदम के बाद पूर्व IPS ने अपने घर के बाहर ‘जबरिया रिटायर IPS’ लिखवा लिया था।
उत्तर प्रदेश कैडर के 1992 बैच के आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलने के साथ ही उनके खिलाफ लखनऊ में केस भी दर्ज करावाया था। इसके बाद अखिलेश यादव सरकार ने उनके खिलाफ भी केस दर्ज कराया। जिसके बाद से वो लगातार चर्चा में बने रहे।