पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त एस वाई कुरैशी बोले- हिंदुत्व समूहों द्वारा मुसलमानों को खलनायक दिखाने के लिए पैदा किए मिथक तोड़ने होंगे

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देश के पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त एस वाई कुरैशी ने कहा कि मुसलमानों को खलनायक के तौर पर दिखाने के लिए ‘‘हिंदुत्व समूहों द्वारा पैदा किए गए मिथकों’’ को तोड़ने का समय आ गया है, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस्लाम परिवार नियोजन की अवधारणा का विरोध नहीं करता है और मुस्लिम भारत में सबसे कम बहुविवाह करने वाला समुदाय हैं।

एस वाई कुरैशी

कुरैशी ने अपनी नई किताब ‘द पॉप्युलेशन मिथ: इस्लाम, फैमिली प्लानिंग एंड पॉलिटिक्स इन इंडिया’ में तर्क दिया है कि मुसलमानों ने जनसंख्या के मामले में हिंदुओं से आगे निकलने के लिए कोई संगठित षड्यंत्र नहीं रचा है और उनकी संख्या देश में हिंदुओं की संख्या को कभी चुनौती नहीं दे सकती।

कुरैशी ने अपनी इस किताब के संबंध में ‘पीटीआई भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘यदि आप कोई झूठ सौ बार बोलें, तो वह सच बन जाता है।’’ उन्होंने कहा कि यह दुष्प्रचार ‘‘बहुत प्रबल’’ हो गया है और अब वर्षों से इस समुदाय के खिलाफ प्रचारित की जा रही इस बात को चुनौती देने का समय आ गया है।

कुरैशी ने कहा, ‘इस पुस्तक के माध्यम से इन्हीं दोनों मिथकों और अन्य भ्रम को दूर करने का प्रयास किया गया है। इस किताब में जनसांख्यिकी, धार्मिक, प्रशासनिक, नीतिगत और परिसंवाद और जनसंख्या पर बात की गई है।’ कुरैशी 1971 में भारतीय प्रशासनिक सेवा में आए और बाद में देश के 17वें मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किए गए थे।

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