पश्चिम बंगाल में कभी ममता बनर्जी सरकार की करीबी समझी जाने वाली और अब आपराधिक आरोपों का सामना कर रहीं पूर्व आईपीएस अधिकारी भारती घोष सोमवार(4 फरवरी) को भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) में शामिल हो गईं। बता दें कि ये वही आईपीएस अफसर हैं, जिनके घर पिछले साल फरवरी महीने में सीआईडी ने 2.5 करोड़ कैश बरामद किया था। जांच में सहयोग न करने पर सीआईडी ने उन्हें मोस्ट वांटेड तक करार दे दिया था।
बीजेपी में शामिल होने के बाद उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में लोकतंत्र की जगह ‘ठग तंत्र’ ने ले ली है। भारती घोष दिल्ली में बीजेपी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद, कैलाश विजयवर्गीय और मुकुल रॉय की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल हुईं। उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल में कोई लोकतंत्र नहीं है। इसकी जगह ‘अपराध तंत्र’ और ‘ठग तंत्र’ ने ली है।’’ विजयवर्गीय ने कहा कि बीजेपी में उनके शामिल होने से पार्टी को मजबूती मिलेगी।
भारती घोष को कभी बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी का करीबी माना जाता था लेकिन बाद में वह पार्टी से दूर हो गईं। उनके खिलाफ एक मामला भी दर्ज है। भारती घोष ने 29 दिसंबर 2017 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। भारती घोष के इस्तीफे के बाद से ये चर्चा आम हो गई थी कि वो जल्द ही बीजेपी में शामिल हो सकती हैं।
बता दें कि पिछले साल फरवरी महीने में सीआईडी ने पूर्व आईपीएस भारती घोष के तीन ठिकानों पर छापा मारकर 2.5 करोड़ रुपये कैश बरामद किया था। भारती घोष पर सीडीआई ने कई केस दर्ज किए हैं। इनके पति सीआईडी की कस्टडी में हैं। भारती घोष पर जबरन वसूली और आपराधिक साजिश रचने का आरोप है।