विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) के एक उपनिदेशक ने अंग्रेजी अखबार ‘द ट्रिब्यून’ और उसकी रिपोर्टर रचना खैरा पर मुकदमा दर्ज करवाया है, जिन्होंने ‘आधार डेटा लीक’ होने की रिपोर्ट की थी। ‘द ट्रिब्यून’ ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि व्हॉट्सऐप जैसे सोशल प्लेटफॉर्म पर अज्ञात लोग मात्र 500 रुपये में आधार डेटा बेच रहे हैं। हालांकि यूआईडीएआई ने डेटा लीक होने की रिपोर्टों को खारिज किया है।
(AP Photo)अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक UIDAI की ओर से दर्ज एफआईआर में अखबार ‘द ट्रिब्यून’, रिपोर्टर रचना खैरा के साथ-साथ तीन अन्य युवकों के नाम भी शामिल हैं। इस एफआईआर में अनिल कुमार, सुनील कुमार और राज के भी नाम शामिल हैं, क्योंकि रचना ने अपनी रिपोर्टिंग के दौरान इन्हीं से संपर्क किया था। आपको बता दें कि रचना खैरा (द ट्रिब्यून) ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि कुछ लोग पैसे लेकर आधार नंबर बेच रहे हैं।
UIDAI के शिकायत निवारण विभाग के बीएम पटनायक की शिकायत पर केस दर्ज कराया गया है। पटनायक द्वारा कराई गई शिकायत में कहा गया है कि इन लोगों ने जानबूझकर आपराधिक षडयंत्र के तहत अनाधिकृत तरीके से आधार सिस्टम में घुसपैठ की है, जो कानून का उल्लंघन है इसलिए इन्हें सजा मिलनी ही चाहिए।
रिपोर्ट के मुताबिक जॉइंट कमिश्नर (क्राइम ब्रांच) आलोक कुमार ने एफआईआर दर्ज करने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि UIDAI की ओर से साइबर सेल में IPC की धारा 419, 420, 468 और 471 के तहत मामला दर्ज कराया गया है। साथ ही एफआईआर में आईटी एक्ट और आधार कानून के प्रावधानों को भी जोड़ा गया है।
एफआईआर के मुताबिक, ‘इन लोगों (एफआईआर में दर्ज लोगों के नाम) ने आपराधिक षडयंत्र के तहत अनाधिकृत तरीके से आधार सिस्टम में घुसपैठ की। उनका ये कदम कानून की विभिन्न धाराओं का उल्लंघन है। फिलहाल पुलिस केस की जांच कर रही है। ‘द ट्रिब्यून’ के प्रधान संपादक हरीश खरे ने इस बारे में कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया है।
बता दें कि अखबार ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि आपका आधार नंबर सुरक्षित नहीं है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वॉट्सऐप के जरिए सर्विस देने वाले एक ट्रेडर से 100 करोड़ आधार की जानकारी खरीदी। इसमें दावा किया गया है कि महज 500 रुपए 10 मिनट में एक एजेंट ने अखबार के रिपोर्टर को लॉग इन आईडी और पासवर्ड देकर पोर्टल के जरिए किसी की भी व्यक्ति की निजी जानकारी देखने की सुविधा दे दी।
अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक 500 रुपए के अलावा 300 रुपए और देने के बाद एजेंट ने रिपोर्टर को एक सॉफ्टवेयर भी दिया। इसके माध्यम से आधार नंबर देकर आधार कार्ड प्रिंट किया जा सकता है। यानि 800 रुपये में देश के करोड़ों लोगों के आधार की जानकारी लीक की जा रही है। आधार में व्यक्ति का नाम, पता, फोटो, फोन नंबर, पिन कोड और ईमेल की जानकारी होती है।
हालांकि, दूसरी तरफ UIDAI ने अखबार के इन खबरों को खारिज करते हुए दावा किया है कि आधार नंबर्स और बायोमीट्रिक डेटा सेफ और सिक्योर है। इस खबर के वायरल होते ही UIDAI अधिकारी सामने आए और उन्होंने अखबार की खबर का खंडन करते हुए जांच की बात कही। UIDAI ने ट्वीट कर इस रिपोर्ट का खंडन किया है।
There has not been any data breach of biometric database which remains fully safe & secure with highest encryption at UIDAI and mere display of demographic info cannot be misused without biometrics @thetribunechd @timesofindia @rsprasad @ceo_uidai @htTweets @ZeeNews @IndiaToday
— Aadhaar (@UIDAI) January 4, 2018
अथॉरिटी का कहना है कि कुछ लोगों ने विशेष अधिकारियों को दी गई सुविधा का गलत फायदा उठाया है, जिसके जरिए किसी का आधार नंबर या एनरोलमेंट नंबर खो जाने पर उसकी जानकारी जुटाई जाती है। इससे केवल नाम और कुछ जानकारियां हासिल की जा सकती हैं, बायोमेट्रिक जानकारियां नहीं।