एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के लातूर की एक 20 वर्षीय महिला को डिजिटल लेन देन के लिए लिए 1 करोड़ के इनाम से सम्मानित किया, वहीं दूसरी ओर उसी लातूर जिले की 21 साल एक युवती ने कुएं में कूदकर इसलिए अपनी जान दे दी, क्योंकि उसके किसान पिता उसकी शादी के लिए पैसे नहीं जुटा पा रहे थे।
प्रतीकात्मक फोटो।यह घटना लातूर जिले के भिसेवाघोली की है। जहां शीतल व्यंकट वयाल नाम की युवती के किसान पिता के सिर पर साहूकारों और बैंक का लाखों रुपये का कर्ज चढ़ गया था। जिस वजह से उसकी शादी भी गरीब पिता के जीवन पर बोझ बन गई थी। अपने पिता की परेशानियों को देखते हुए शीतल ने अपनी जिंदगी ही खत्म करने का फैसला किया और अपने ही खेत में बने कुएं में कूदकर खुदकुशी कर ली।
शीतल ने खुदकुशी से पहले सुसाइट नोट में लिखा है कि उसके घर वाले बहुत ज्यादा गरीब हैं। उनके घर में उसकी शादी करने के लिए भी पैसा नहीं है। उसने लिखा है, ‘मैं अपने पिता का आर्थिक बोझ कम करने के लिए अपना जीवन समाप्त कर रही हूं। साथ ही उसने दहेज लोभियों को संदेश देते हुए लिखा है कि, ‘मैं अपने मराठा समुदाय के लोगों में दहेज के रिवाज को खत्म करना चाहती हूं।’
शीतल ने लिखा है कि, ‘पिछले पांच सालों से लगातार फसल खराब हो रही है, जिससे उसके परिवार की आर्थिक हालत बहुत खराब हो गई है। हालांकि, मेरी दो बहनों की शादी हुई, लेकिन बहुत ही साधारण तरीके से। मेरी शादी के लिए पिता लगातार बैंकों और साहूकारों के चक्कर काट रहे हैं, ताकि कुछ पैसे उधार मिल जाएं और मेरी शादी हो सके।’
AAJ TAKउसने आगे लिखा है कि, ‘पैसे न होने कारण पिछले दो सालों से मेरी शादी टल रही है। इसलिए अपने पिता का बोझ कम करने और मराठा समुदाय में दहेज की प्रथा को खत्म करने के लिए मैं अपना जीवन समाप्त कर रही हूं। मुझे और मेरे परिवार को इसके लिए किसी भी प्रकार से दोष नहीं दिया जाना चाहिए।’ शीतल द्वारा लिखा गया यह सुसाइड नोट दहेज लोभियों के मुंह पर करारा तमाचा है।