पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा INS विराट का ‘टैक्सी’ की तरह इस्तेमाल करने के पीएम नरेंद्र मोदी के बयान पर सियासी घमासान छिड़ गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा कि जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे तो गांधी परिवार युद्धपोत आईएनएस विराट का उपयोग ‘‘निजी टैक्सी’’ के रूप में करता था। पीएम मोदी ने दावा किया कि इसमें इटली से आए उनके रिश्तेदार भी शामिल हुए थे और INS विराट का इस्तेमाल टैक्सी की तरह किया गया था।
राजधानी में सात संसदीय सीटों के लिए 12 मई को होने वाले चुनाव से पहले दिल्ली में अपनी पहली रैली में पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि गांधी परिवार ने छु्ट्टियों के लिए युद्धपोत का उपयोग कर इसका अपमान किया। पीएम मोदी का आरोप था कि राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री रहते हुए विमानवाहक पोत INS विराट का इस्तेमाल एक द्वीप पर परिवार के साथ छुट्टी मनाने के लिए किया था।
इस बीच नरेंद्र मोदी के दावे को नौसेना के पूर्व अधिकारियों ने खारिज कर दिया है। वाइस एडमिरल (अवकाश प्राप्त) विनोद पसरीचा ने पीएम मोदी के इस दावों पर कुछ समय पहले चैनलों पर कहा कि यह झूठ है और प्रधानमंत्री सरकारी यात्रा पर थे, छुट्टी पर नहीं। वहीं, पीएम मोदी के इस बयान को पूर्व एडमिरल एल रामदास ने जुमला बताया है। पूर्व नौसेना प्रमुख एल रामदास ने एनडीटीवी से बातचीत में पीएम मोदी के इस बयान को जुमला बताते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी INS विराट पर सरकारी काम से गए थे।
एनडीटीवी के मुताबिक, उन्होंने कहा कि राजीव गांधी INS विराट पर राष्ट्रीय खेल पुरस्कार वितरण में गए थे। उन्होंने कहा कि आरोप एकदम झूठा है। प्रधानमंत्री का वह सरकारी दौरा था। हम इस तरह के आरोप से व्यथित हैं। सेना किसी के निजी इस्तेमाल के लिए नहीं है। वहीं, गुरुवार (9 मई, 2019) को एक लिखित बयान जारी कर एडमिरल रामदास ने कहा है कि राजीव गांधी उस दौरान आधिकारिक दौरे पर थे और उनके साथ कोई भी विदेशी मेहमान या दोस्त नहीं था।
एडमिरल एल रामदास ने अपने बयान में स्पष्ट किया है कि उन्होंने तत्कालीन सहयोगियों एडमिरल अरुण प्रकाश, वाइस एडमिरल विनोद पसरीचा और वाइस एडमिरल मदनजीत सिंह से बातचीत के बाद ही यह बयान जारी किया है। बयान के मुताबिक नौ सेना के ये सभी अधिकारी उस वक्त नौ सेना के वेस्टर्न फ्लीट में तैनात थे। विनोद पसरीचा आईएनएस विराट के तत्कालीन कमांडिंग ऑफिसर थे, जबकि एडमिरल अरुण प्रकाश आईएनएस विंध्यगिरी के कमांडिंग ऑफिसर और वाइस एडमिरल मदनजीत सिंह आईएनएस गंगा के तत्कालीन कमांडिंग ऑफिसर थे।
Admiral Ramdas speaks about former PM Mr Rajiv Gandhi's visit to INS Virat… : It was an official tour… He was chairman of Island development authority… Only his wife accompanied, maybe son also… On being asked about other relatives : लाडू पेड़े थे और कुछ नही ! Hear him.. pic.twitter.com/Ysv9RurXgY
— Supriya Bhardwaj (@Supriya23bh) May 9, 2019
चारों पूर्व अधिकारियों ने साफ किया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी और उनकी पत्नी सोनिया गांधी तब आधिकारिक दौरे पर लक्षद्वीप गए थे। एडमिरल रामदास के मुताबिक उनके निजी इस्तेमाल के लिए तब कोई पानी का जहाज प्रयोग नहीं किया गया था। वे एक चॉपर के जरिए किसी द्वीप पर गए थे और तब बोर्ड पर कोई विदेशी भी नहीं था।
(नीचे पढ़ें अधिकारियों का पूरा बयान)
प्रधानमंत्री मोदी ने दावा किया कि राजीव गांधी के नेतृत्व वाली तत्कालीन सरकार और नौसेना ने उनके परिवार एवं ससुराल पक्ष की मेजबानी की और उनकी सेवा में एक हेलीकाप्टर को भी लगाया गया। मोदी ने कहा, ‘‘आईएनएस विराट का इस्तेमाल एक निजी टैक्सी की तरह करके इसका अपमान किया गया। यह तब हुआ जब राजीव गांधी एवं उनका परिवार 10 दिनों की छुट्टी पर गये हुए थे। आईएनएस विराट को हमारी समुद्री सीमा की रक्षा के लिए तैनात किया गया था, किन्तु इसका मार्ग बदल कर गांधी परिवार को लेने के लिए भेजा गया जो अवकाश मना रहा था।’’
उन्होंने यह भी दावा किया कि गांधी परिवार को लेने के बाद आईएनएस विराट द्वीप पर 10 दिनों तक खड़ा रहा। मोदी ने सवाल किया, ‘‘राजीव गांधी के साथ उनके ससुराल के लोग भी थे जो इटली से आये थे। सवाल यह है कि क्या विदेशियों को एक युद्धपोत पर ले जाकर देश की सुरक्षा के साथ समझौता नहीं किया गया?’’ विमान वाहक आईएनएस विराट को भारतीय नौसेना में 1987 में सेवा में लिया गया था। करीब 30 वर्ष तक सेवा में रहने के बाद 2016 में इसे सेवा से अलग किया गया। बता दें कि मोदी ने इससे पहले राजीव गांधी पर आरोप लगाया था कि उनका अंत ‘भ्रष्टाचारी नंबर 1’ के रूप में हुआ।