तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के एक प्रकाशक ने मंगलवार को कहा कि चुनाव आयोग ने एस विजयन द्वारा राफेल विमान सौदे पर लिखी गई किताब के विमोचन पर रोक लगा दी है और इसकी सैकड़ों प्रतियां जब्त कर ली हैं। यह ख़बर सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोग चुनाव आयोग की निंदा कर रहे है।
यह पुस्तक मंगलवार को रिलीज़ होने वाली थी, लेकिन इसके रिलीज़ होने से पहले ही चुनाव आयोग के अधिकारियों ने भारती पब्लिकेशन के कार्यालय पर छापा मारकर इसकी सैकड़ों प्रतियां जब्त कर ली। इससे पहले, पत्रकार एन राम ने पुस्तक विमोचन के लिए एक स्कूल से अनुमति मांगी थी, लेकिन स्कूल अधिकारियों ने आदर्श आचार संहिता का हवाला देते हुए अनुरोध को ठुकरा दिया। किताब का शीर्षक नट्टई उलुक्कम राफेल (‘राफेल: लॉन्ड्रिंग ऑफ द नेशन’) है, इसे एस विजयन ने लिखा है।
चुनाव आयोग के अधिकारियों द्वारा की गई इस कथित कार्रवाई के बाद सोशल मीडिया पर तमाम लोगों ने नराजगी जताई है। वहीं, कई लोगों ने चुनाव आयोग पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पक्ष में काम करने का आरोप लगाया।
वकील प्रशांत भूषण ने लिखा, “चुनाव आयोग ने राफेल घोटाले की पुस्तकों पर रोक लगा दी और आदर्श आचार संहिता का हवाला देते हुए प्रतियां जब्त कर लीं! EC ने मोदी पर बनी फिल्म की अनुमति दी, मोदी को एंटी सैटेलाइट मिसाइल पर चुनावी भाषण के लिए AIR & DD का उपयोग करने की अनुमति दी, चुनाव के लिए सरकार द्वारा रेलवे और विज्ञापन के पैसे का दुरुपयोग करने की अनुमति दी, लेकिन राफेल पर पुस्तक पर प्रतिबंध लगा दिया!”
वहीं पत्रकार आशुतोष मिश्रा ने लिखा, “पीएम मोदी पर बनी फिल्म पर रोक नहीं, चुनाव आयोग ने फिल्म को रिलीज होने की अनुमति दी। वहीं केरल में राफेल सौदे पर छपी किताब के लांच पर लगी रोक। स्टाल से किताबें भी ज़ब्त की गई। चुनाव आयोग ने कहा कि उसे जानकारी नहीं।”
इनके अलावा कई ओर लोगों ने भी आरोप लगया कि चुनाव आयोग को नरेंद्र मोदी पर बनी फिल्म की रिलीज पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन राफेल सौदे की किताबों पर उन्हें आपत्ति है। इसलिए आयोग ने आदर्श आचार संहिता का हवाला देते हुए प्रतियां जब्त कर लीं!
बता दें कि, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी हमेशा राफेल डील में पीएम मोदी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते रहे हैं। यही नहीं कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में राफेल को प्रमुख मुद्दा बनाया है। यहां तक की कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में भी ऐलान कर दिया कि अगर वे सरकार में आते हैं तो राफेल डील में हुए भ्रष्टाचार की जांच करेंगे।
देखिए कुछ ऐसे ही ट्वीट
A book .. “RAFALE :The SCAM that rocked the NATION “ by S.Vijayan banned today and the books seized on ELECTION COMMISSION s order BUT a FILM on MODI n channels like NAMO TV spared
FREE N FAIR ELECTIONS.. !— Prakash Raj (@prakashraaj) April 2, 2019
EC bans book on Rafale scam & seizes copies, citing Model Code of Conduct! EC allows propaganda movie on Modi, allows Modi to use AIR&DD for election speech on Anti satellite missile, allows misuse of of Railways&advertisement money by govt for elections, but bans book on Rafale! https://t.co/ePz5KL2Nta
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) April 2, 2019
पीएम मोदी पर बनी फिल्म पर रोक नहीं, चुनाव आयोग ने फिल्म को रिलीज होने की अनुमति दी। वहीं केरल में राफेल सौदे पर छपी किताब के लांच पर लगी रोक। स्टाल से किताबें भी ज़ब्त की गई। चुनाव आयोग ने कहा कि उसे जानकारी नहीं।
— ASHUTOSH MISHRA (@ashu3page) April 3, 2019
How does the book on Rafale or a meeting on basic needs or regular gram sabhas a violation of model code of conduct while a movie on @narendramodi or the movie @TashkentMovie or Modi’s continuous invoking of religion to ask for votes not?
Double Standards election commission?— Varsha Poddar (@varshapoddar94) April 3, 2019
EC officials has denied permission for the release of a book titled "Rafale- a Scam that Rocked the Nation" which was supposed to be released today by The Hindu @nramind
According to the EC, a 3 hr movie will not influence the voter, but a book on #Rafale will. @Mugilan__C pic.twitter.com/4rVfvsXBEo
— Naveen Surendar (@NaveenSurendar) April 2, 2019
प्रकाशन के संपादक पीके राजन ने इसे पूरी तरह से गलत बताते हुए कहा कि किताब की रिलीज आचार संहिता का उल्लंघन नहीं करती है। राजन का कहना है, ‘हमने इसके पहले भी चुनावों पर आधारित कई किताबें प्रकाशित की हैं। राफेल को लेकर प्रकाशित किताब में ऐसी कोई सामग्री नहीं है, जो सार्वजनिक नहीं है। बावजूद इसके निर्वाचन आयोग ने इसकी बिक्री रोक दी है।’
Pa.Ku. Rajan,Editor,Bharathi Publications, Chennai on a book on Rafale deal: Book is based on info available in the public domain. We've published many books on elections. Don't know why suddenly it has become objectionable to EC &govt? We can't even sell the book at our bookshop pic.twitter.com/T0OkDe1H5b
— ANI (@ANI) April 2, 2019
बढ़ती हुई आलोचना का सामना करते हुए चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने राफेल पर पुस्तक के विमोचन समारोह पर रोक लगाने के बारे में तमिलनाडु के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) की तरफ से जारी स्पष्टीकरण के आधार पर खंडन किया। अशोक लवासा ने ट्वीट कर कहा, ‘किताबें जब्त करने के बारे में न तो चुनाव आयोग ने और ना ही सीईओ कार्यालय की ओर से कोई निर्देश दिया गया।’ उन्होंने कहा, ‘मैंने चेन्नई के जिला निर्वाचन अधिकारी को इस मामले की जांच कर इसकी तत्काल रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।’
CLARIFICATION FROM CEO TN “Regarding the seizure of books neither the ECI nor the CEO office had given any instructions. I have directed DEO, Chennai to look into and give his report immediately”
— ashok lavasa (@AshokLavasa) April 2, 2019
बता दें कि लोकसभा चुनाव प्रक्रिया के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी पर एक बायोपिक की रिलीज पर विवाद चल रहा है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को फिल्म की 5 अप्रैल को रिलीज होने को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि चुनाव आयोग को इस पर ध्यान देना चाहिए।