नई दिल्ली। एआईएडीएमके नेता शशिकला नटराजन के करीबी और तमिलनाडु के नवनियुक्त मुख्यमंत्री ई पलानीसामी ने शनिवार(18 फरवरी) को विधानसभा में बहुमत हासिल कर लिया है। स्पीकर के मुताबिक, विश्वासमत के समर्थन में 122 वोट पड़े, जबकि 11 विधायकों ने इसके खिलाफ वोट दिया। मुख्यमंत्री बनने के बाद राज्यपाल ने पलानीसामी को बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय दिया था।
विश्वास मत से पहले शनिवार को मचे हंगामे की वजह से विपक्षी डीएमके और कांग्रेसी विधायकों को मतदान के वक्त बाहर रखा गया था। बाद में स्पीकर ने पलानीसामी के बहुमत हासिल करने का ऐलान कर दिया। गौरतलब है कि पलानीसामी ने गुरुवार(16 फरवरी) को तमिलनाडु के नए मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
पलानीसामी का पूरा नाम इदापड्डी के. पलानीसामी है। वह सलेम जिले के इडापड्डी से चार बार विधायक रह चुके हैं। उन्होंने 1989 में पहली बार चुनाव जीता था। शशिकला के करीबी माने जाने वाले पलानीसामी 2011 में पहली बार मंत्री बने और एक बार सांसद भी रह चुके हैं।
बता दें कि आय से अधिक संपत्ति मामले में सुप्रीम कोर्ट से चार साल की सजा मिलने के बाद एआईएडीएमके महासचिव शशिकला ने बुधवार(15 फरवरी) को बेंगलुरु कोर्ट जाकर सरेंडर कर दिया। इससे पहले मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए ओ पनीरसेल्वम के साथ उलझीं अन्नाद्रमुक महासचिव शशिकला को सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार(14 फरवरी) को तगड़ा झटका दिया।
आय से अधिक संपत्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शशिकला को दोषी करार देते हुए चार साल की सजा सुनाई है। साथ ही 10 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है। बता दें कि राज्य की पूर्व सीएम जयललिता के निधन के बाद पन्नीरसेल्वम को तमिलनाडु का मुख्यमंत्री बनाया गया था।
लेकिन पहले तो पन्नीरसेल्वम ने चुपचाप इस्तीफा दे दिया था और बताया गया कि खुद उन्होंने ही शशिकला के नाम का प्रस्ताव रखा था। हालांकि अगले ही दिन बात कहीं और ही पहुंच गई और पन्नीरसेल्वम ने यहां तक कह दिया कि उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया था।