नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कई नेताओं के धार्मिक भावनाएं भड़काने वाले बयानों पर संज्ञान लेते हुए निर्वाचन आयोग ने ‘आत्मसंयम’ बरतने की नसीहत दी है। चुनाव आयोग ने शनिवार(25 फरवरी) को सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को लिखे एक पत्र में कहा कि यह सही प्रवृति नहीं है और इससे बचा जाना चाहिए।
Photo: NDTVआयोग ने कहा कि नेताओं को चुनाव प्रचार के दौरान खुद पर संयम रखना चाहिए। आयोग ने अपने पत्र में लिखा कि ‘आयोग ने यह पाया है कि पिछले दिनों जारी की गई कई दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया गया है। अब भी नेताओं की ओर से चुनाव और धर्म का घालमेल कर भड़काऊ बयान दिए जा रहे हैं।’
आयोग ने कहा कि कुछ बयान ऐसे स्थानों से दिए गए, जहां आदर्श आचार संहिता लागू नहीं है। उसने कहा है कि इस इलेक्ट्रॉनिक युग में ऐसे बयान आसानी से चुनाव वाले स्थानों पर पहुंच जाते हैं और चुनाव प्रक्रिया में दूसरे उम्मीदवारों के लिए मुश्किल खड़ी करते हैं।
राजनीतिक दलों और नेताओं से इस ‘प्रवृत्ति को बदलने’ का आग्रह करते हुए आयोग ने कहा कि इस तरह के भाषण ‘गलत प्रवृत्ति’ को दिखलाते हैं और ये चिंता का विषय है। गौरतलब है कि हाल ही में ऐसे कई बयान आए थे, जिसमें संकेतों में ही धार्मिक मुद्दे उठाने का प्रयास किया गया था।
ECI issues notices to all political parties' Presidents/Secretaries/General Secretaries over Model Code of Conduct. pic.twitter.com/yKgTVpDz3P
— ANI (@ANI) February 26, 2017
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे आगे बढ़ता जा रहा है वैसे-वैसे नेताओं की भाषा भी बदलती जा रही है। अब तो विवादित बयानों और छींटाकशी की बाढ़-सी आ गई है। पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों एक रैली में कहा था कि सूबे के गावों में यदि कब्रिस्तान का निर्माण होता है तो श्मशान भी बनने चाहिए।
इसके अलावा बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस, एसपी औ बीएसपी को ‘कसाब’ बताया था। वहीं, गोरखपुर से बीजेपी सांसद योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ‘अगर समाजवादी पार्टी(सपा) जीतेगी तो कर्बला-कब्रिस्तान बनेंगे, जबकि भाजपा की सरकार बनेगी तो अयोध्या में राम मंदिर बनेगा।’