चुनाव आयोग ने कहा- सितंबर 2018 तक एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने में सक्षम

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चुनाव आयोग ने कहा है कि सितंबर 2018 तक देश में लोकसभा व विधानसभा के चुनाव एक साथ कराने में सक्षम हो जाएगा। हालांकि, आयोग ने साफ किया है कि संसाधनों के अभाव के चलते सितंबर 2018 के पहले यह संभव नहीं हो सकता।

यह बात मंगलवार(4 अक्टूबर) को मध्य प्रदेश में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने भोपाल में कही। उन्होंने कहा कि देश में लोकसभा एवं विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के लिए निर्वाचन आयोग अगले साल सितंबर तक जरूरी सामानों से सक्षम हो जाएगा।

रावत के मुताबिक विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ कराने के लिये कुल 40 लाख मशीनों की जरूरत होगी, जिसकी पूर्ति होने पर आयोग एक साथ चुनाव कराने में सक्षम होगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने इस बारे में चुनाव आयोग से जानकारी मांगी थी और तब आयोग ने सरकार को अपनी जरूरतों के बारे में बता दिया था। उन्होंने कहा कि इसके लिये केन्द्र सरकार की ओर से आवश्यक धनराशि उपलब्ध करा दी गई है।

इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक, वीवीपैट मशीन के लिये 3400 करोड़ रुपये और ईवीएम के लिये 12 हजार करोड़ रुपये केन्द्र सरकार की ओर से दिए गए हैं। दो सरकारी क्षेत्र की कंपनियों को मशीनों के ऑर्डर दिए गए हैं। रावत के मुताबिक दोनों ही कम्पनियों ने मशीनों की आपूर्ति शुरू कर दी है।

सितम्बर 2018 तक चुनाव आयोग के पास सभी मशीनें पहुंच जाएंगी। इनके अलावा अन्य आवश्यक तैयारियां भी पूरी कर ली जाएंगी। उन्होंने कहा कि उसके बाद जब भी सरकार चाहेगी, चुनाव आयोग लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने में सक्षम होगा।

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