राजस्थान के भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी संजय दीक्षित द्वारा ‘जनता का रिपोर्टर’ न्यूज़ वेबसाइट के खिलाफ अविश्वसनीय रूप से मानहानिकारक टिप्पणी करने और वेबसाइट के एडिटर-इन-चीफ रिफ़त जावेद की पत्नी के आवासीय पते को सार्वजनिक कर चौतरफा घिर गए हैं। इस मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह और सामाजिक कार्यकर्ता शहजाद पूनावाला ने संजय दीक्षित के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए पीड़ित महिला के परिवार और उनके बच्चों की सुरक्षा की मांग की है।
file- photoदरअसल, शनिवार(5 अगस्त) को ट्विटर पर आईएएस अधिकारी संजय दीक्षित और ‘जनता का रिपोर्टर’ के प्रधान संपादक रिफत जावेद के बीच एक मामले को लेकर बहस के दौरान संजय दीक्षित ने रिफत जावेद और उनके परिवार पर निजी टिप्पणी करने लगे और सार्वजनिक रूप से उनके घर का पता पूछते हुए धमकी देने लगे।
सोशल मीडिया पर हमेशा विवादों में रहने वाले आईएएस अधिकारी ने कुछ देर बाद सभी सीमाओं को लांघते हुए हुए रिफ़त जावेद और उनके परिवार के सार्वजनिक आवासीय पते की मांग कर दी। जिसके कुछ देर बाद ही एक यूजर्स ने एक पते को सार्वजनिक कर इसे रिफत के घर का पता होने का दावा किया। रिफत के पते को संदीप दीक्षित ने भी अपने ट्विटर हैंडल से रीट्वीट किया है।
सबसे गंभीर बात यह है कि जिसे पते को अधिकारी द्वारा सार्वजनिक करवाया गया, उसमें रिफत जावेद की पत्ती लुबना उस्मान रिफत जावेद की कई निजी जानकारी है, जिसे अधिकारी ने सार्वजनिक कर पत्रकार के परिवार की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है। हालांकि, इस मामले की जब ट्विटर से शिकायत की गई तो करीब पांच घंटे बाद संदीप दीक्षित ने उस ट्वीट को डिलीट कर दिया।
पीड़ित महिला ने ब्रिटिश उच्चायुक्त से लगाई मदद की गुहार
वसुंधरा राजे सरकार के आईएएस अधिकारी संजय दीक्षित द्वारा ट्विटर पर निजी जानकारी सार्वजनिक करने के मामले में वसुंधरा सरकार द्वारा अधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं किए जाने से आहत पीड़ित महिला लुबना उस्मान ने भारत में स्थित ब्रिटिश उच्चायुक्त को एक पत्र लिखकर अपने परिवार और बच्चों की सुरक्षा की मांग की है।
Civil servant servant from Rajasthan govt indulged in criminal act by sharing our personal details on Twitter, compromising my kids' safety pic.twitter.com/JDmOPNVZOs
— Lubna U Rifat (@lubnaurifat) August 7, 2017
बता दें कि पीड़िता महिला और उनके बच्चों के पास ब्रिटेन का नागरिकता प्राप्त है। इस मामले में पीड़ित महिला ने कहा कि वह और उनका परिवार भारत स्थित अपने घर पर आते रहते हैं। उन्होंने कहा कि आईएएस अधिकारी ने सोशल मीडिया पर उनके निजी जानकारी को सार्वजनिक कर मेरे परिवार की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है।
महिला ने कहा कि पिछले कुछ महीनों से भारत के अगल-अगल राज्यों में भीड़ द्वारा लगातार एक विशेष समुदाय के लोगों की हत्याएं की जा रही है। उन्होंने कहा कि अधिकारी संदीप दीक्षित द्वारा उनके निजी आवास और गोपनिय जानकारियों को सार्वजनिक करने के बाद वह अपने परिवार को लेकर बेहद आशंकित है।
विपक्ष और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने की संदीप दीक्षित पर कार्रवाई की मांग
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी अधिकारी के इस हरकत को शर्मनाक बताते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय से पीड़ित महिला और उनके बच्चों सहित पूरे परिवार की सुरक्षा की मांग की है। सिंह ने ट्विटर पर ट्वीट कर कहा कि आईएएस अधिकारी द्वारा निजी पते को सार्वनिक करना बेहद शर्मनाक है।
उन्होंने इस मामले में गृह मंत्रालय से पूछा है कि क्या इन बच्चों(महिला के बच्चे) को सुरक्षा प्रदान की जाएगी? साथ ही उन्होंने आईएएस अधिकारी संजय दीक्षित के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
Shameful. Would Home Minster give protection to these children and take action against the IAS officer ?
— digvijaya singh (@digvijaya_28) August 7, 2017
कांग्रेस नेता के अलावा जाने माने सामाजिक कार्यकर्ता शहजाद पूनावाला ने भी महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी को टैग करते हुए पीड़िता महिला के इस पत्र को ट्वीट किया है। पूनावाला ने महिला के बच्चों की सुरक्षा का हवाला देते हुए संजय दीक्षित के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। साथ ही पूनावाला ने ट्विटर पर इस मामले को लेकर एक वीडियो शेयर करते हुए वसुंधरा सरकार और प्रधानमंत्री कार्यालय से अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
पूनावाला ने अपने संदेश में कहा कि संजय दीक्षित को अगर ‘जनता का रिपोर्टर’ के किसी खबर से आपत्ति है तो उन्हें वेबसाइट के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए। लेकिन उन्होंने इतने बड़े पत्रकार के पत्नी के घर का पता और उनकी निजी जानकारी को सोशल मीडिया पर सार्वजनिक कर नियमों का उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा कि मीडिया को भी इस मामले पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि यह एक ब्रिटिश महिला के परिवार और बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ का गंभीर मामला है।
https://twitter.com/Shehzad_Ind/status/894511064901050368
क्या है मामला?
दरअसल, शनिवार(5 अगस्त) को संजय दीक्षित और रिफत जावेद के बीच कनाडाई यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम में तारेक फतह को आमंत्रण नहीं मिलने की एक एक रिपोर्ट पर बहस चल रही थी। इस बहस के दौरान संजय दीक्षित ने शनिवार (5 अगस्त) को ‘जनता का रिपोर्टर’ न्यूज़ वेबसाइट और रिफ़त जावेद को आम आदमी पार्टी (आप) का मुखपत्र करार दे दिया। साथ ही वेबसाइट को इस्लामी लिंक से जुड़ा होने का आरोप लगाया।
संजय दीक्षित की अपमानजनक टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए रिफ़त जावेद ने राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को ट्वीट करके पूछा कि क्या ऐसे अपमानजनक टिप्पणियां करने के लिए उनकी सरकार के तहत आने वाले सिविल सेवा अधिकारी लिए उपयुक्त है? जिसके बाद दीक्षित ने एक ट्वीट पोस्ट करते हुए सार्वजनिक रूप से रिफ़त के निजी पते की मांग की।
उसके कुछ देर के बाद ही दीक्षित के भक्तों (यूजर्स) में से एक शख्स ने एक पते को सार्वजनिक कर इसे रिफत के परिवार का पता होने का दावा किया। जिसके बाद इस पते को संदीप दीक्षित ने भी अपने ट्विटर हैंडल से रीट्वीट करते हुए पता देने यूजर्स को धन्यवाद भी दिया।
हालांकि, मामला बढ़ने के बाद अधिकारी ने इस पते को डिलीट कर दिया। लेकिन ‘जनता का रिपोर्टर’ के पास उस ट्वीट का स्क्रीनशॉट मौजूद है। पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि अधिकारी द्वारा किया गया यह हरकत अशोभनीय और एक आईएएस अधिकारी को दिए गए अधिकारों का उल्लंघन है। बता दें कि सत्ता में आने के दो महीने के बाद ही मोदी सरकार ने भी नौकरशाहों के लिए सेवा आचरण के नियमों में संशोधन करने का फैसला लिया था।
देखें, संजय दीक्षित द्वारा की गई कुछ ट्विट्स:-
Those who profess to oppose caste have the greatest stakes in seeing caste everywhere- in their shirts, pants, brooms and even their bottoms https://t.co/eIMdfgpVud
— Sanjay Dixit ಸಂಜಯ್ ದೀಕ್ಷಿತ್ संजय दीक्षित (@Sanjay_Dixit) August 5, 2017
Didn't you know that @RifatJawaid is an AAP mouthpiece and his @JantaKaReporter is Shari'a compliant https://t.co/e1Z04X2Xwt
— Sanjay Dixit ಸಂಜಯ್ ದೀಕ್ಷಿತ್ संजय दीक्षित (@Sanjay_Dixit) August 5, 2017
And Marxists have that as an excuse to continue politics of murder forever https://t.co/72PKWMpdBa
— Sanjay Dixit ಸಂಜಯ್ ದೀಕ್ಷಿತ್ संजय दीक्षित (@Sanjay_Dixit) August 4, 2017
All Abrahamic faiths are based on an apartheid model of believers and non-believers. Hindus are the only ones who see Ishwar in all https://t.co/Lp3SRtjsT7
— Sanjay Dixit ಸಂಜಯ್ ದೀಕ್ಷಿತ್ संजय दीक्षित (@Sanjay_Dixit) July 30, 2017
Absolutely. Allahabad, Aurangabad and Ahmedabad should be next. https://t.co/WGteI9BIW0
— Sanjay Dixit ಸಂಜಯ್ ದೀಕ್ಷಿತ್ संजय दीक्षित (@Sanjay_Dixit) August 4, 2017
Islamo-Fascism going strong in Canada https://t.co/HlZhF9Uv8H
— Sanjay Dixit ಸಂಜಯ್ ದೀಕ್ಷಿತ್ संजय दीक्षित (@Sanjay_Dixit) August 4, 2017
Agreed. This lowlife is an admirer of the Islamist @RifatJawaid https://t.co/VCVhrZstgV
— Sanjay Dixit ಸಂಜಯ್ ದೀಕ್ಷಿತ್ संजय दीक्षित (@Sanjay_Dixit) September 25, 2016