दिल्ली हिंसा: NDTV के दो पत्रकारों को भीड़ ने बुरी तरह पीटा, ‘हिंदू’ जान छोड़े उपद्रवी

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उत्तर पूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) को लेकर भड़की हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। मंगलवार को सीएए समर्थकों और सीएए विरोधियों के बीच हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर सात हो गई है। तीसरे दिन भी मौजपुर-बाबरपुर इलाके में सुबह से ही पथराव हो रहा है और जानकरी के मुताबिक, इस इलाके में हालात अभी पूरी तरह तनावपूर्ण बने हुए हैं।

हिंसा

उत्तर पूर्वी दिल्ली में कथित हिंदुत्ववादी गुंडे स्थानिय दुकानों में लूटपाट और आगजनी कर रहे है साथ ही दोनों तरफ से चल रही गोलीबारी में कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए है जिन्हे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है। इस बीच, समाचार चैनल एनडीटीवी की एक वरिष्ठ संपादक ने मंगलवार को आरोप लगाया है कि दिल्ली में भीड़ ने उनके दो सहयोगियों को बुरी तरह से पीटा।

एनडीटीवी की एग्जीक्यूटिव एडिटर निधि राजदान ने ट्वीट कर बताया कि भीड़ द्वारा उनके दो सहयोगियों को दिल्ली में बुरी तरह से पीटा गया। निधि राजदान के मुताबिक, “अरविंद गुनासेकर (Arvind Gunasekar) और सौरभ शुक्ला (Saurabh Shukla) पर दिल्ली में भीड़ ने हमला कर दिया। उन्होंने मारना तब बंद किया जब उन्होंने देखा कि वो ‘हमारे लोग- हिंदू’ हैं।”

सौरभ शुक्ला के ट्विटर अकाउंट पर आखिरी पोस्ट एक वीडियो था जिसमें दिखाया गया था कि कैसे दिल्ली के दंगाइयों ने करावल नगर में एक घर को आग लगा दी थी।

बता दें कि, उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 24 फरवरी को मौजपुर-जाफराबाद समेत कई जगह हिंसा भड़क गई, जिसमें दिल्ली पुलिस के एक हेड कॉन्स्टेबल समेत 7 लोगों की मौत हो गई। सीएम अरविंद केजरीवाल ने हिंसा की समीक्षा के लिए गृहमंत्री अमित शाह और एलजी अनिल बैजल से मंगलवार को मुलाकात की।

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