VIDEO: वकीलों के हमले के खिलाफ सड़क पर उतरे दिल्ली पुलिस के जवान, कांग्रेस ने पूछा- क्या ये है भाजपा का ‘न्यू इंडिया’

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तीस हजारी कोर्ट परिसर में दो नवंबर को पार्किंग को लेकर शुरू हुए विवाद के बाद वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच भड़की हिंसा के विरोध में दिल्ली पुलिस के जवान आज आईटीओ स्थित पुलिस मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। हाथों पर काली पट्टी बांधकर किए जा रहे इस विरोध प्रदर्शन में कांस्टेबल से लेकर इंस्पेक्टर तक शामिल हैं। पुलिस वाले हाथों में तख्तियां लेकर नारेबाजी कर रहे हैं। इन तख्तियों पर ‘सेव पुलिस’ और ‘हम भी इंसान हैं’ जैसे नारे लिखे हैं।

दिल्ली पुलिस
फोटो: ANI

पुलिस हेडक्वार्टर के सामने जमा होकर विरोध जता रहे पुलिसकर्मी वकीलों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि वकीलों की ज्यादती के खिलाफ हम शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करेंगे और कमिश्नर से अपनी बात कहेंगे। पुलिस हैडक्वार्टर के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे पुलिसकर्मियों ने ‘वी वांट जस्टिस’ के नारे भी लगाए है।

बता दें कि, पुलिसकर्मियों पर वकीलों के हमले के कई विडियो सामने आए हैं, जिससे पूरे विभाग में नाराजगी है। पुलिसवालों ने मांग की है कि उनकी कोई गलती नहीं थी, वकीलों पर मुकदमे दर्ज किए जाएं और उनके साथ इंसाफ हो।

बताया जा रहा है कि दिल्ली पुलिस के इतिहास में इस तरह का प्रदर्शन पहली बार हो रहा है। इसी पर कांग्रेस ने मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर लिखा, ’72 साल में पहली बार- पुलिस प्रदर्शन पर! क्या ये है भाजपा का ‘न्यू इंडिया’? देश को कहां और ले जाएगी भाजपा? कहां गुम हैं गृह मंत्री, श्री अमित शाह? मोदी है तो ही ये मुमकिन है!’

गौरतलब है कि तीस हजारी कोर्ट के वकील और दिल्ली पुलिस के बीच हुए बबाल के बाद रविवार को ही दिल्ली हाईकोर्ट ने पूरे मामले में स्वत:-संज्ञान ले लिया था। साथ ही हाईकोर्ट ने जांच के लिए रिटायर्ड जज एस.पी. गर्ग के नेतृत्व में एक कमेटी भी बनाई। हाईकोर्ट ने जांच कमेटी की मदद के लिए सीबीआई, विजिलेंस और आईबी के डायरेक्टर्स को कहा है।

स्वत:संज्ञान लेने वाली हाईकोर्ट की इसी कमेटी ने विशेष पुलिस आयुक्त संजय सिंह और अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त हरेंद्र कुमार सिंह को हटाने सहित कई आदेश एक साथ जारी कर दिए। हाईकोर्ट को दिल्ली पुलिस की ओर से बताया गया कि इन्हीं दोनों अधिकारियों के कहने पर तीस हजारी अदालत में बबाल के दौरान वकीलों पर गोली चलाई गई थी।

इस मामले में गोली चलाने के आरोपी सहायक उप निरीक्षक पवन कुमार का तबादला कर दिया गया है, जबकि दूसरे सहायक पुलिस उप निरीक्षक कामता प्रसाद, जिस पर गोली चलाने जैसा गंभीर आरोप है ही नहीं, उसे हड़बड़ाई दिल्ली पुलिस ने जल्दबाजी में सस्पेंड कर डाला है।

उधर, दिल्ली पुलिस के दिल्ली हाईकोर्ट में स्टैंडिंग काउंसिल ने मीडिया को बताया कि पुलिस ने आंतरिक जांच के लिए दो टीम बनाई हैं। एक क्राइम ब्रांच डीसीपी टिर्की के नेतृत्व में एसआईटी और दूसरी जांच कमेटी में दिल्ली पुलिस खुफिया अनुभाग के विशेष आयुक्त, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त सतर्कता शाखा और स्पेशल ब्रांच के डीसीपी को रखा गया है।

मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी.एन. पटेल और न्यायमूर्ति सी. हरिशंकर की खंडपीठ ने स्वत:संज्ञान लेने के बाद गठित न्यायिक जांच कमेटी को आदेश दिया कि वह अपनी रिपोर्ट 6 हफ्ते के भीतर पेश करे।

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