दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने बकरीद (Bakri Eid) पर जानवरों का कथित रूप से गैरकानूनी तरीके से वध करने के सिलसिले में ‘‘कुछ खास लोगों’’ के खिलाफ कार्रवाई की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करने से बुधवार (29 जुलाई) को इनकार कर दिया। याचिका में कहा गया था कि जानवरों के वध के बाद उसका अपशिष्ट यमुना नदी में फेंका जाता है, जिससे नदी प्रदूषित होती है।
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्य न्यायाधीश डी. एन. पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जैन की एक पीठ ने कहा कि यमुना नदी के प्रदूषण के मामले की जांच राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण कर रहा है। पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता ने जिस ओदश को जारी करने की मांग की है, उसे जारी नहीं किया जा सकता। यह याचिका विधि की एक छात्र ने दायर की थी। पीठ ने कहा कि उसे कानून का उल्लंघन करने वाले “कुछ व्यक्तियों” को इंगित करना चाहिए। पीठ ने उसे संबंधित अधिकारियों के समक्ष मामल उठाने की मंजूरी भी दे दी।
अदालत ने कहा कि जब और जब याचिकाकर्ता एक प्रतिनिधित्व करता है, तो उसे संबंधित अधिकारियों द्वारा “ऐसे मामलों के लिए लागू कानून, नियम, विनियम और सरकारी नीति के अनुसार और जितना संभव हो और व्यावहारिक रूप से संभव हो” के अनुसार निर्णय लिया जाना चाहिए।
अपनी याचिका में कानून की छात्रा ने दावा किया है कि उसने पिछले साल भी बकरीद ईद से पहले अधिकारियों को एक प्रतिनिधित्व दिया था, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई और यही कारण है कि उसने तत्काल याचिका दायर की।