दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, संविधान पीठ के फैसले के बावजूद ठप्प है हमारा कामकाज

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दिल्ली सरकार ने बुधवार(18 जुलाई) को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में प्रशासन के संबंध में संविधान पीठ के फैसले के बावजूद उसका कामकाज बिल्कुल ठप्प पड़ा हुआ है और वह अधिकारियों के तबादले या नियुक्ति के आदेश भी नहीं दे सकती।

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समाचार एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, न्यायमूर्ति ए. के. सीकरी और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही थी। पीठ ने कहा कि न्यायालय को स्थिति का ज्ञान है और चूंकि वह नियमित पीठ नहीं है, वह 26 जुलाई को मामले की सुनवाई करेगी।

दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता पी. चिदंबरम ने कहा, सरकार का कामकाज पूरी तरह ठप्प है। संविधान पीठ के फैसले और उसमें सभी पहलुओं पर स्पष्टीकरण के बावजूद हम अधिकारियों की नियुक्ति नहीं कर सकते, उनका तबादला नहीं कर सकते। इन मुद्दों को जल्दी सुलझाने की जरूरत है।

दिल्ली सरकार की ओर से ही पेश हुई वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने कहा कि अधिकारी इस संबंध में हलफनामा दायर करने के इच्छुक नहीं थे, इसलिए दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने हलफनामा दायर किया है। जयसिंह ने कहा, ‘मैं सिर्फ मामला स्पष्ट करना चाहती थी।’ प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने हाल ही में राष्ट्रीय राजधानी में प्रशासन को लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश तय किये थे।

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