समाचार चैनल ‘रिपब्लिक टीवी’ के संस्थापक अर्नब गोस्वामी की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ती नजर आ रही हैं। दरअसल, दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को रिपब्लिक मीडिया, चैनल के मुख्य संपादक अर्नब गोस्वामी और न्यूज़ ब्रॉडकास्ट स्टैंडर्ड्स एसोसिएशन (NBSA) को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया द्वारा हाल ही में असम की दरांग फायरिंग घटना से संबंधित एक समाचार रिपोर्ट पर मानहानि के मुकदमे में समन जारी किया। अर्नब पर आरोप है कि उन्होंने दर्शकों को भड़काने के इरादे से झूठी खबर चलाई।
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ने सूट में एक समाचार लेख का उल्लेख किया है, जिसका शीर्षक है “दारंग फायरिंग: पीएफआई से जुड़े 2 संदिग्ध गिरफ्तार, विरोध के लिए ‘भीड़ जुटाने’ का आरोपी” शीर्षक के साथ 27 सितंबर को प्रसारित एक समाचार के साथ शीर्षक “असम हिंसा जांच: पीएफआई से जुड़े 2 लोग गिरफ्तार… साजिश के आरोपी… पुलिस ने पीएफआई से जुड़े 2 लोग एमडी अस्मत अली अहमद और मोहम्मद चंद ममूद को गिरफ्तार किया है” चैनल द्वारा रिपोर्ट किया गया।
पीएफआई के अनुसार, चैनल ने लोगों को भड़काने के इरादे से और बदनाम करके छवि के लिए पूर्वाग्रह पैदा करने के इरादे से संगठन के खिलाफ झूठे और तुच्छ आरोप लगाए। पीएफआई ने दावा किया है कि उक्त रिपोर्टें निराधार हैं और बिना किसी सबूत के सही तथ्यों की पुष्टि किए बिना बनाई गई हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि समाचार प्रसारण में जिन दो व्यक्तियों का उल्लेख किया गया है, वे किसी भी तरह से पीएफआई के सदस्य नहीं हैं।
पीएफआई ने इसकी पुष्टि के लिए दरांग एसपी का बयान भी पेश किया है जिसमें उन्होंने बताया कि फायरिंग मामले में गिरफ्तार आरोपी स्थानीय पंचायत निकायों के नेता हैं और PFI से उनका कोई संबंध नहीं है। पीएफआई का आरोप है कि अर्नब के चैनल ने जानबूझकर हमारे संगठन को बदनाम करने के मकसद से अपमानजनक खबरें चलाई है।