दिल्ली: सरकारी नौकरी दिलाने के बहाने लोगों से ‘ठगी’ करने के आरोप में गिरफ्तार महिला को अदालत ने दी जमानत

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कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी के दौरान सरकारी नौकरी दिलाने के बहाने कई लोगों से कथित तौर पर धोखाधड़ी करने के मामले में गिरफ्तार एक महिला को शनिवार को दिल्ली की एक अदालत ने जमानत दे दी।

मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दीपाली श्रीवास्तव ने 25,000 रुपये की जमानती राशि और इतनी ही राशि के मुचलके पर विशाखा गुलाटी को जमानत दी। अदालत ने कहा कि इस मामले की जांच पूरी हो चुकी है और इस कथित अपराध में इस्तेमाल उपकरणों और बैंक खातों को पहले ही जब्त किया जा चुका है, इसलिए इस मामले में अब बरामद करने के लिए कुछ भी नहीं बचा है।

अदालत ने अपने आदेश में कहा, ‘‘पुलिस की ओर से दाखिल आरोप पत्र के अनुसार आरोपी और सह आरोपी द्वारा इस्तेमाल किए गए कथित उपकरण, कंप्यूटर, लैपटॉप और प्रिंटर को जब्त किया जा चुका है। वहीं, उसने जिन खातों में कथित तौर पर शिकायतकर्ताओं से राशि ली, उसे भी जब्त किया गया है।’’

आदेश में कहा गया कि मौजूदा मामले में जांच पहले ही पूरी हो चुकी है और कुछ भी बरामद करने के लिए बचा नहीं है तो ऐसे में आरोपी के पिता की चिकित्सकीय स्थिति के मद्देनजर आरोपी को जमानत दी जाती है। सुनवाई के दौरान गुलाटी की तरफ से पेश होते हुए वकील अखिल रेक्सवाल ने दलील दी कि वह पिछले साल 26 नवंबर से ही न्यायिक हिरासत में हैं और आरोपी से संबंधित जांच पूरी हो चुकी है।

रेक्सवाल ने इस आधार पर जमानत की अपील की कि उनके (आरोपी के) पिता वरिष्ठ नागरिक हैं और कई बीमारियों से पीड़ित हैं तथा आरोपी एकलौती संतान हैं तो देखरेख की जिम्मेदारी उन्हीं पर है।

पुलिस के अनुसार गुलाटी ने शिकायतकर्ताओं में से एक को कथित तौर पर यह कहा था कि महामारी की वजह से सरकार ने ताजा भर्ती नहीं की है और दिल्ली सरकार ने उन्हें भर्तियों का जिम्मा सौंपा है। आरोपपत्र में कहा गया कि आरोपी ने प्रत्येक शिकायतकर्ता से कथित तौर पर नौकरी मुहैया कराने के नाम पर 13,000-13,000 रुपये की ठगी की। (इंपुट: भाषा के साथ)

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