केंद्र की नरेंद्र मोदी कैबिनेट में मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह ने दावा किया है कि मानव के क्रमिक विकास का चार्ल्स डार्विन का सिद्धांत ‘वैज्ञानिक रूप से गलत है।’ साथ ही उन्होंने स्कूल और कॉलेजों के पाठ्यक्रम में इसमें बदलाव की भी वकालत की। सत्यपाल सिंह ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने कभी किसी बंदर के इंसान बनने का उल्लेख नहीं किया है।
File Photo: Prakash Singh/AFPसमाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार केंद्रीय मंत्री ने पिछले शुक्रवार को ने मानव के क्रमिक विकास पर चार्ल्स डार्विन के सिद्धांत को ‘वैज्ञानिक रूप से गलत’ बताया। यही नहीं, उन्होंने स्कूल और कॉलेज के पाठ्यक्रम में इसमें बदलाव की भी हिमायत की। बता दें कि कुछ दिन पहले राजस्थान के शिक्षामंत्री ने गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत का जनक न्यूटन की जगह भारतीय गणितज्ञ ब्रह्मगुप्त को बताया था।
मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री सिंह ने कहा कि, ‘हमारे पूर्वजों ने कभी किसी एप (Ape) के इंसान बनने का उल्लेख नहीं किया है।’ उन्होंने कल संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि, ‘(इंसानों के विकास संबंधी) चार्ल्स डार्विन का सिद्धांत वैज्ञानिक रूप से गलत है। स्कूल और कॉलेज पाठ्यक्रम में इसे बदलने की जरूरत है। इंसान जब से पृथ्वी पर देखा गया है, हमेशा इंसान ही रहा है।’
ऑल इंडिया वैदिक सम्मेलन में हिस्सा लेने मध्य महाराष्ट्र के इस शहर में आए पूर्व आईपीएस अधिकारी ने कहा, ‘हमारे किसी भी पूर्वज ने लिखित या मौखिक रूप में एप को इंसान में बदलने का जिक्र नहीं किया था।’ डार्विनवाद जैविक विकास से संबंधित सिद्धांत है। उन्नीसवीं सदी के अंग्रेज प्रकृतिवादी डार्विन और अन्य ने यह सिद्धांत दिया था।