केन्द्रीय सतर्कता आयोग ने राष्ट्रमंडल खेल से संबंधित परियोजनाओं के क्रियान्वयन में कथित भ्रष्टाचार के मामलों का ब्योरा साझा करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि इसमें उसे अपने संसाधनों का खासा हिस्सा लगाना पड़ेगा।
राष्ट्रमंडल खेल 3-14 अक्तूबर, 2010 में आयोजित हुए थे और इसमें भ्रष्टाचार के ढेर सारे आरोप लगे थे।सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय जैसी ढेर सारी जांच एजेंसियां इसके आयोजन में कथित भ्रष्टाचार के मामलों की जांच कर रही हैं।
एक आरटीआई प्रश्न का जवाब देते हुए संबंधित केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी :सीपीआईओ: एससी सिन्हा ने कहा है कि जो सूचना मांगी गई है, वह आसानी से उपलब्ध नहीं है। यह अनेक फाइलों में उपलब्ध हो सकती है, और इन फाइलों से सूचना निकालने या संकलित करने के लिए प्राधिकार के सीमित संसाधनों को उधर लगाना होगा।
सीवीसी ने पीटीआई की तरफ से दायर आरटीआई आवेदन पर जवाब देते हुए कहा, ‘‘इस लिए, आरटीआई अधिनियम, 2005 की धारा 7 [9] के तहत सूचना उपलब्ध नहीं कराई जा सकती।’’
इस धारा के अनुसार सामान्यता सूचना उस प्रारूप में उपलब्ध कराई जाएगी जिसमें मांगी गई है बशर्ते इसमें लोक प्राधिकार के संसाधनों का बहुत बड़ा हिस्सा नहीं लगाना पड़े या संबंधित रिकार्ड की सुरक्षा या संरक्षा के लिए खतरा नहीं हो।
भाषा की खबर के अनुसार, सीवीसी से सीडब्ल्यूजी संबंधित उन परियोजनाओं में भ्रष्टाचार के मामलों का ब्योरा मांगा गया था जिसकी जांच सीवीसी कर रही है।
सीवीसी ने कहा, ‘‘अन्य सीपीआईओ ने कहा है कि आप जो सूचना चाहते हैं वह तीसरे पक्ष से संबंधित है जिसे आरटीआई अधिनियम, 2005 की धारा 8 (1)[जे] के तहत प्रकटीकरण से बाहर रखा गया है।