जामिया मिलिया इस्लामिया हिंसा मामले को देख रही दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा (क्राइम ब्रांच) इस मामले में कांग्रेस के पूर्व विधायक आसिफ मोहम्मद खान और स्थानीय नेता आशु खान से पूछताछ करेगी और उन्हें आज (शुक्रवार, 24 जनवरी) पेश होने के लिए कहा है।

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने कांग्रेस के पूर्व विधायक आसिफ मोहम्मद खान को सीआरपीसी की धारा 160 के अंतर्गत एक नोटिस जारी की है। जारी नोटिस में खान को क्राइम ब्रांच के चाणक्यपुरी कार्यालय के समक्ष 24 जनवरी को समक्ष पेश होने का निर्देश मिला है। 15 दिसंबर को जामिया मिलिया इस्लामिया के पास हुई हिंसा के संबंध में दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी में खान को आरोपी बनाया गया है।
जामिया नगर में हुई हिंसा के सिलसिले में क्राइम ब्रांच ने स्थानीय नेता आशु खान को भी नोटिस जारी किया गया है और उन्हें शुक्रवार को ही पूछताछ के लिए मौजूद होने के लिए कहा गया है। आशु खान को भी सीआरपीसी की धारा 160 के तहत नोटिस जारी किया गया है। दिल्ली पुलिस ने आसिफ खान और आशू खान को एक ही दिन यानी 24 जनवरी को तलब किया है।
बता दें कि, पूर्व कांग्रेस विधायक आसिफ मोहम्मद खान और आशु खान के अलावा मुस्तफा, हैदर, चंदन कुमार, आसिफ तनहा और कासिम उस्मानी को भी मामले में आरोपी बनाया गया है।
Delhi Police Crime Branch has also issued notice to local political leader Ashu Khan, under Section 160 Cr.PC, asking him to appear before Crime Branch Chanakyapuri, on 24th January, for questioning in connection with Jamia Nagar violence which took place in December 2019. https://t.co/FgZJXgzkQg
— ANI (@ANI) January 24, 2020
गौरतलब है कि, 15 दिसंबर को जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्रों और स्थानीय निवासियों सहित कई प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में संसद तक विरोध मार्च निकाला था, जिसे मथुरा रोड पर पुलिस द्वारा रोक दिया गया था। न्यू फ्रेंडस कॉलोनी में पुलिस के साथ हुई झड़प के बाद प्रदर्शनकारियों ने चार बसों और दो पुलिस वाहनों को जला दिया था।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया था और विश्वविद्यालय परिसर में घुसने से पहले भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े थे, जिसमें कई छात्र घायल भी हुए। पुलिस ने हिंसा में कथित तौर पर शामिल कई लोगों को हिरासत में लिया था। पुलिस पर आरोप है कि वह बिना इजाजत यूनिवर्सिटी परिसर में घुसी है और स्टूडेंट्स पर बलपूर्वक कार्यवाई की। कई राजनेताओं द्वारा पुलिस की कार्रवाई की निंदा की गई थी। (इंपुट: आईएएनएस के साथ)