मध्य प्रदेश के पनागर तहसील में इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई हैं। ऊंची जाति के दबंगों ने शव यात्रा निकालने के लिए रास्ता नहीं दिया।
जिसके बाद मृतक के परिजनों को तालाब के रास्ते शव यात्रा निकालनी पड़ी। दरअसल गांव से शमशान घाट जाने वाली कच्ची सड़क बरसात में डूब गई थी। जिसके बाद आने जाने के लिए खेत का रास्ता बचा था। लेकिन ऊंची जाति के लोगों ने गांव वालों को शवयात्रा निकालने के लिए मना कर दिया।
मजबूरन मृतक की शवयात्रा को लबालब भरे तालाब से होकर गुज़रना पड़ा तालाब के रास्ते शव को शमशान तक ले जाया गया। बताया जा रहा है कि जिस रास्ते से जाने के लिए पिछड़ी जाति के लोगों को रोका गया, वह सरकारी जमीन है।
गांव की एक 70 वर्षीय वृध्द महिला का देर रात निधन हो गया था जिसके चलते गांव वालों को शवयात्रा के लिए रास्ते की ज़रूरत थी लेकिन गांव के एक दबंग ने रास्ते में धान रोप दिया है।
एनडीटीवी की खबर के अनुसार गांव वालों का कहना है कि हमने प्रशासन से भी मदद की गुहार लगाई लेकिन कोई बात नहीं बनी हर बार बारिश में इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है।
इससे पहले खबर आई थी कि ओडिशा के पिछड़े जिले कालाहांडी में एक आदिवासी को अपनी पत्नी के शव को अपने कंधे पर लेकर करीब 10 किलोमीटर तक चलना पड़ा। उसे अस्पताल से शव को घर तक ले जाने के लिए कोई वाहन नहीं मिल सका था।