दिल्ली हाई कोर्ट ने मानहानि के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर राज्यसभा सदस्य सुभाष चंद्रा और दिल्ली पुलिस को गुरुवार (7 दिसंबर) को नोटिस जारी किए। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने इस याचिका में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता द्वारा उनके खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि की शिकायत रद्द करने का अनुरोध किया है।
Photo courtesy; india.comन्यूज एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की पीठ ने केजरीवाल को मानहानि से संबंधित इस मामले 11 दिसंबर को निचली अदालत में पेश होने से भी छूट दे दी। हालांकि न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल ने निचली अदालत में चल रही सुनवाई पर रोक नहीं लगाई और केजरीवाल की याचिका पर 22 जनवरी को आगे सुनवाई करने का फैसला किया।
केजरीवाल ने निचली अदालत द्वारा व्यक्तिगत पेशी के समन पर रोक लगाने का अनुरोध किया था। ज़ी न्यूज़ के मालिक सुभाष चंद्रा ने पिछले साल 17 नवंबर को दिल्ली के मुख्यमंत्री पर कथित तौर पर उनको बदनाम करने के मामले में मानहानि का मुकदमा चलाने की मांग की थी। उनका आरोप था कि केजरीवाल ने नोटबंदी को लेकर उन पर झूठे आरोप लगाए थे।
वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े और अधिवक्ता रिषिकेश कुमार ने दिल्ली के मुख्यमंत्री की ओर से निचली अदालत का समन और शिकायत को रद्द करने का अनुरोध किया। उनका तर्क था कि चंद्रा अपने मामले को साबित करने के लिए खुद कटघरे में नहीं खड़े हुए।
वकीलों ने कहा कि चंद्रा संसद सदस्य हैं और दिल्ली में रहते हैं। वकीलों के मुताबिक राज्यसभा सदस्य को खुद कटघरे में आकर अपने मामले को साबित करना चाहिए, जैसा कि केंद्रीय मंत्रियों ने पूर्व में किया है। हेगड़े ने कहा कि अगर निचली अदालत प्रतिनिधि के जरिये दायर शिकायतों को स्वीकार कर लेता था है, जैसा कि वकालतनामा के जरिये किया गया है तो भविष्य में इससे अन्य लोगों को ऐसे हल्के मामले दर्ज करने का बल मिलेगा।
इस पर पीठ ने कहा कि निचली अदालत ने मामले में मुख्यमंत्री को आरोपी के रूप में समन करने को लेकर विस्तृत आदेश दिया है। पीठ ने केजरीवाल के वकील से कहा कि आप स्थगन की मांग कर रहे हैं। आप निचली अदालत के फैसले की खामी बताइए।
हालांकि पीठ ने कहा कि पुलिस और चंद्रा को मामले को लेकर जवाब दाखिल करने दीजिए। अपनी याचिका में एस्सेल समूह के अध्यक्ष चंद्रा ने आरोप लगाया है कि पिछले साल 11 नवंबर को एक संवाददाता सम्मेलन में केजरीवाल ने उनके खिलाफ झूठे, मनगढ:त और अपमानजनक आरोप गढ़े।