VIDEO: ‘क्योंकि मंत्री भी कभी ग्रेजुएट थी’, गाना गा कर कांग्रेस प्रवक्ता ने स्मृति इरानी की फर्जी डिग्री पर कसा तंज

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कांग्रेस ने शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पर अपने चुनावी हलफनामे में झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें नैतिकता के आधार पर मंत्री पद से इस्तीफा देना चाहिए और चुनाव आयोग को उन्हें अयोग्य ठहराना चाहिए। पार्टी के इस आरोप पर फिलहाल स्मृति ईरानी या बीजेपी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

ग्रेजुएट

कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने स्टार प्लस पर एक समय आने वाली पॉपुलर धारावाहिक ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ के गीत की तर्ज पर कहा कि, ‘क्वालीफिकेशन के रूप बदलते हैं, नए नए सांचे में ढलते हैं। एक डिग्री आती है, एक डिग्री जाती है, बनते एफेडिएविट नए हैं… क्योंकि मंत्री भी कभी ग्रेजुएट थी।’ प्रियंका चतुर्वेदी का यह वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

उन्होंने केंद्रीय मंत्री के पिछले कुछ चुनावों के हलफनामों की प्रति जारी करते हुए कहा, ‘स्मृति ईरानी जी बताया कि किस तरह से ग्रेजुएट से 12वीं पास हो जाते हैं, यह मोदी सरकार में ही मुमकिन है। 2004 के लोकसभा चुनाव के अपने हलफनामे में स्मृति बीए थीं। फिर 2011 राज्यसभा के चुनावी हलफनामे में वह बीकॉम फस्ट ईयर बताती हैं। इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में फिर वह बीए पास कर लेती हैं। अब फिर से वह बीकॉम फर्स्ट ईयर की डिग्री हो गई है।’

प्रियंका ने आरोप लगाया, ‘उन्होंने देश को झूठ बोला है, देश को बरगलाया है। यह साबित होता है कि बीजेपी के नेता किस तरह से झूठ बोलते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हमें दिक्कत नहीं है कि वह ग्रेजुएट नहीं हैं। मुद्दे की बात यह है कि मंत्री साहिबा इतने समय से गलत हलफनामा दे रही थीं।’ कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ‘अगर उनमें कोई नैतिकता है तो मंत्री पद से इस्तीफा दें और उन्हें चुनाव के लिए अयोग्य ठहराए जाए।’

केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री बनने के बाद से ही स्मृति ईरानी की डिग्री को लेकर विवाद जारी है। उनकी डिग्री को लेकर तमाम विपक्षी दलों द्वारा उनपर निशाना साधा जाता है, लेकिन आखिरकार स्मृति ईरानी ने खुद इन तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए पहली बार इस बात को स्वीकार किया है कि उन्होंने सिर्फ 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की है, जबकि स्नातक की पढ़ाई वह पूरी नहीं कर सकी हैं।

उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ रहीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने गुरुवार (11 अप्रैल) को चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामे में घोषित किया कि वे स्नातक यानी ‘ग्रेजुएट’ नहीं हैं। यह पहली बार है जब उन्होंने अपने चुनावी हलफनामे में स्वीकार किया है कि उन्होंने अभी तक तीन साल की डिग्री कोर्स पूरा नहीं किया है। यानी 2014 में जब स्‍मृति को प्रधानमंत्री मोदी ने मानव संसाधन विकास मंत्री बनाया था, तब वह स्‍नातक नहीं थी।

हलफनामे के अनुसार ईरानी ने 1991 में हाईस्कूल की परीक्षा पास की, 1993 में इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की तथा दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग से 1994 में तीन वर्षीय बी.कॉम पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया लेकिन उन्होंने यह पाठ्यक्रम पूरा नहीं किया। गौरतलब है कि स्मृति ईरानी अमेठी से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं।

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