कांग्रेस ने सोमवार (29 अक्टूबर) को कहा कि गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर 14 अक्टूबर से दिखाई नहीं दिए हैं। पार्टी ने अंदेशा जताया है कि संभवत: वह जीवित नहीं हैं। हालांकि, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस की इस टिप्पणी को सिरे से खारिज कर दिया है। आपको बता दें कि मनोहर पर्रिकर की खराब सेहत के बीच उनके आवास को अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है। विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम 24 घंटे उनकी सेहत पर नजर बनाए हुए है।
कांग्रेस प्रवक्ता जीतेंद्र देशप्रभु ने समाचार एजेंसी ANI से कहा, ‘जी हां, हम इसे संज्ञान में ले रहे हैं। यह बिल्कुल चरम स्पष्टीकरण है कि आदरणीय मुख्यमंत्री संभवत: वहां नहीं हैं।’ देशप्रभु ने तो यहां तक कहा कि पर्रिकर नहीं हैं तो उनके उठाला और श्राद्ध की व्यवस्था करनी चाहिए।
#WATCH: Jeetendra Deshprabhu, Congress says, "Goa CM is nowhere to be seen, either publically or privately. It leaves a very serious doubt in our minds, whether there is CM at all. If you don’t have CM, then his ‘Uthala&shraad’ should be held. #Goa pic.twitter.com/rZ1BzCZbxd
— ANI (@ANI) October 29, 2018
समाचार एजेंसी IANS के मुताबिक पर्रिकर दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान से 14 अक्टूबर को लौटने के बाद से एक बार भी सार्वजनिक रूप से नहीं दिखे हैं। वह अपने निजी निवास में बिस्तर पर हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार, उनके निजी निवास को एक अत्याधुनिक चिकित्सा केंद्र के रूप में परिवर्तित कर दिया गया है। चिकित्सक और अर्धचिकित्सा कर्मी 24 घंटे वहां तैनात हैं।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के इर्द-गिर्द रहने वाले अधिकारियों का एक समूह उनकी अनुपस्थिति में अवैध तरीके से निर्णय ले रहा है। बीजेपी ने कांग्रेस के इस बयान को हताशा का परिणाम बताया है और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने राजनीतिक बातचीत के स्तर को गिरा दिया है।
देशप्रभु ने पत्रकारों से कहा कि बीजेपी और बीजेपी नेतृत्व वाले गठबंधन को गोवावासियों के समक्ष यह साबित करना चाहिए कि पर्रिकर जिंदा हैं। कांग्रेस नेता ने मीडिया पर भी आरोप लगाया कि पर्रिकर की बीमारी की गंभीरता को कमतर दिखाने की कोशिश की जा रही है। वहीं, बीजेपी की गोवा इकाई के महासचिव सदानंद शेट तनावडे ने कहा कि देशप्रभु यदि ऐसा बयान दे रहे हैं, तो इसका मतलब वह वाकई हताशा में हैं।
आपको बता दें कि स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने 27 अक्टूबर को पहली बार आधिकारिक रूप से घोषणा की थी कि पर्रिकर पैंक्रियाटिक कैंसर से जूझ रहे हैं। राणे ने संवाददाताओं को बताया कि वह गोवा के मुख्यमंत्री हैं और बात यह है कि वह स्वस्थ नहीं हैं। उन्हें अग्न्याशय कैंसर है। इस तथ्य को नहीं छुपाया जा रहा।
मुख्यमंत्री शासन के लिए फिट हैं या नहीं जानने को लेकर विपक्ष की लगातार मांग के बीच यह टिप्पणी आई थी। राज्य सरकार अब तक पर्रिकर की बीमारी को लेकर सवालों को टालती आ रही थी।इसके तत्काल बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि पर्रिकर अपने निजी निवास पर बुधवार को मंत्रिमंडल की एक बैठक करने वाले हैं।
गौरतलब है कि मनोहर पर्रिकर को सितंबर को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया था। हालांकि उसके एक दिन बाद ही उन्हें एम्स से छुट्टी मिल गई। इससे पहले 62 वर्षीय मनोहर पर्रिकर का इस साल की शुरुआत में भी बीमारी के चलते तीन महीने तक अमेरिका में इलाज चला था। पर्रिकर मध्य फरवरी से ही बीमार हैं और उनका गोवा, मुंबई एवं अमेरिका के अस्पतालों समेत कई अलग-अलग अस्पतालों में इलाज हुआ है।