CBI चीफ आलोक कुमार को छुट्टी पर भेजने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे

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केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अंदर जारी घमासान में अब कांग्रेस भी कूद गई है। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र के सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजने के फैसले को अवैध बताते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। उन्होंने इसे सीबीआई अधिनियम का उल्लंघन करार देते हुए इसके खिलाफ शनिवार (3 नवंबर) को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

New Delhi: Congress Parliamentary Party leader Mallikarjun Kharge addresses the media persons at AICC Headquarters, in New Delhi, Thursday, Oct 25, 2018. (PTI Photo/Arun Sharma)(PTI10_25_2018_000080A)

लोकसभा में कांग्रेस के नेता खड़गे ने अपनी याचिका में कहा कि अधिनियम के मुताबिक सीबीआई निदेशक की नियुक्ति या उसे हटाने के बारे में नेता प्रतिपक्ष, प्रधानमंत्री और प्रधान न्यायाधीश की तीन सदस्यीय समिति को ही अधिकार है। इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व कांग्रेस सीबीआई दफ्तर के बाहर प्रदर्शन भी कर चुकी है। आपको बता दें कि सीबीआई के शीर्ष 2 अधिकारियों के बीच की लड़ाई मीडिया में आने के बाद से सरकार पर विपक्षी दल हमलावर मूड में हैं।

प्रतिष्ठित एजेंसी के भीतर की जंग खुलकर जनता के सामने आने के बाद मोदी सरकार ने डैमेज कंट्रोल के तहत सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया। कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के पास सीबीआई निदेशक के खिलाफ कार्रवाई का कोई अधिकार नहीं है।

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, खड़गे ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की पुष्टि करते हुए बताया, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वत: संज्ञान लेते हुए सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने की कार्रवाई अवैध है और यह सीबीआई अधिनियम का उल्लंघन भी है।’

पार्टी सूत्रों ने पीटीआई से कहा कि कांग्रेस ने खड़गे से कहा था कि वह इस संबंध में याचिका दायर करें। खड़गे सीबीआई निदेशक की नियुक्ति करने वाली समिति के सदस्य भी हैं। बता दें कि सीबीआई में मचे घमासान पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी जमकर निशाना साध चुके हैं। उन्होंने राकेश अस्थाना को पीएम का पसंदीदा अधिकारी बताते हुए भी ट्वीट किया था।

गौरतलब है कि सीबीआई के डायरेक्टर पद से हटाए जाने के कुछ ही घंटे बाद आलोक वर्मा ने सरकार के इस आदेश के खिलाफ चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट ने वर्मा के खिलाफ दो हफ्ते में जांच पूरी करने का सीवीसी को आदेश दिया। इसके साथ ही, कोर्ट ने रिटायर्ड जज को इस मामले की निगरानी करने को कहा है।

इस समय देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) खुद सवालों के घेरे में आ गई है। सीबीआई के दो सीनियर अधिकारी एक दूसरे के ऊपर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। सीबीआई में आतंरिक कलह के मद्देनजर मोदी सरकार ने अभूतपूर्व कदम उठाते हुए सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया है। आलोक वर्मी की जगह पर एम. नागेश्वर राव को एजेंसी का अंतरिम डायरेक्टर नियुक्त किया गया है।

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