लोकसभा चुनाव के दौरान चर्चा में रहे नामदेव दास त्यागी उर्फ कंप्यूटर बाबा ने मंगलवार को मंत्रालय पहुंचकर नर्मदा, क्षिप्रा एवं मन्दाकिनी नदी न्यास के अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया। इस अवसर पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह, जनसम्पर्क मंत्री पी़ सी़ शर्मा, संतगण और अन्य जन-प्रतिनिधि मौजूद थे। नर्मदा क्षिप्रा नदी न्यास के अध्यक्ष पद संभालते ही कंप्यूटर बाबा ने कमलनाथ सरकार से नर्मदा परिक्रमा के लिए हेलीकॉप्टर की मांग की है।
बाबा ने पद संभालते ही मौके पर मौजूद कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह से हेलीकॉप्टर की मांग की। उन्होंने सिंह से कहा है कि वे उन्हें सरकार से एक हफ्ते में हेलीकॉप्टर दिलवा दें, क्योंकि उन्हें नर्मदा संरक्षण के लिए परिक्रमा पर निकलना है। कंप्यूटर बाबा का कहना है कि एक दिन के लिए हेलिकॉप्टर से वह नर्मदा का निरिक्षण करेंगे। उनके मुताबिक इस दौरान वह नर्मदा की सफाई और जरूरतों को हेलिकॉप्टर से देखेंगे।
आधिकारिक बयान के अनुसार, इस न्यास में 16 नामांकित सदस्य हैं। इनमें नर्मदाघाटी विकास प्राधिकरण, जल संसाधन, संस्कृति, पर्यटन, आवास एवं पर्यावरण, वन और खनिज विभागों के मंत्री तथा नर्मदाघाटी विकास प्राधिकरण के अपर मुख्य सचिव सदस्य मनोनीत किए गए हैं। बयान के अनुसार, अध्यात्म विभाग के अपर मुख्य सचिव न्यास के सदस्य सचिव हैं। न्यास में नदियों से संबद्घ जिलों से दो विधायक और चार अन्य अशासकीय सदस्य राज्य शासन द्वारा नामांकित किए जाएंगे।
मध्य प्रदेश से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां कम्प्यूटर बाबा ने नर्मदा परिक्रमा के लिए हेलीकॉप्टर की मांग की है. उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से हेलीकॉप्टर की मांग की है. pic.twitter.com/JEURADjirY
— Newsroom Post (@NewsroomPostCom) June 4, 2019
आईएएनएस के मुताबिक, इस दौरान जनसम्पर्क मंत्री पी़ सी़ शर्मा ने कहा, “यह न्यास नर्मदा, मन्दाकिनी एवं क्षिप्रा नदियों के हित संरक्षण के लिए कार्य करेगा। यह न्यास जनमानस की अध्यात्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, आर्थिक एवं पर्यावरणीय आकांक्षाओं के अनुरूप काम करेगा। न्यास नदियों के पारिस्थितिक तंत्र को सुरक्षित एवं संरक्षित करेगा। जनमानस को नदियों के हित में कार्य आरंभ करने के लिए प्रेरित करेगा।”
गौरतलब है कि कंप्यूटर बाबा ने लोकसभा चुनाव के दौरान दिग्विजय सिंह की विजय के लिए हठ योग किया था और उसके बाद साधु-संतों के साथ रोडशो किया था। इस पर चुनाव आयोग ने नोटिस दिया था। उन्होंने भविष्यवाणी भी की थी कि दिग्विजय सिंह हर हाल में चुनाव जीतेंगे और मोदी दोबारा पीएम नहीं बनेंगे। लेकिन, कंप्यूटर बाबा के तेवर चुनावी नतीजों के बाद नरम पड़ गए थे।
बाबा उन पांच धर्म गुरूओं में शामिल थे, जिन्हें नर्मदा नदी संरक्षण के लिए काम करने सहित विभिन्न धार्मिक और पर्यावरणीय कारणों से शिवराज सिंह चौहान सरकार द्वारा राज्य मंत्री रैंक दी गई थी। हालांकि, बाद में उन्होंने शिवराज सिंह चौहान पर नर्मदा के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाकर उनका साथ छोड़ दिया और 2018 के विधानसभा व 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के समर्थन में प्रचार किया।