उत्तर प्रदेश में स्थित बनारस के काशी हिन्दू विश्वविद्यालय(BHU) में कथित छेड़खानी के विरोध में और अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रही छात्राओं पर पुलिस द्वारा किए लाठीचार्ज मामले में वाराणसी के कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण ने मंगलवार(26 सितंबर) को अपनी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सौंप दी। इस रिपोर्ट में उन्होंने विश्वविद्यालय के प्रशासन को दोषी ठहराया है।
(Source: PTI Photo)कमिश्नर गोकर्ण ने अपनी रिपोर्ट मुख्य सचिव राजीव कुमार को सौंपी है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि बीएचयू प्रशासन ने पीड़िता की शिकायत को संवेदनशील तरीके से नहीं संभाला, न ही स्थिति को सही वक्त पर संभाला। इसी वजह से इतना बड़ा बवाल हुआ। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को कमिश्नर के पास 27 लोगों ने बयान भी दर्ज कराया है।
Varanasi Commissioner Nitin Gokarn submits preliminary report to Chief Secy Rajiv Kumar,blames University administration #BHUClash
— ANI UP (@ANINewsUP) September 26, 2017
कमिश्नर की रिपोर्ट के बाद माना जा रहा है कि योगी सरकार जल्द ही पुलिस और प्रशासन के बड़े अफसरों पर कार्रवाई कर सकता है। उधर, चौतरफा आलोचनाओं के बाद वाइस चांसलर भी बचाव की मुद्रा में आ गए हैं। घटना के तीसरे दिन महामना की मूर्ति पर कालिख पोतने की तहरीर दी गई।
बता दें कि बीएचयू में गुरुवार को हुई कथित छेड़खानी के विरोध में धरना प्रदर्शन के बाद शनिवार देर रात पूरा परिसर छावनी में तब्दील हो गया। शनिवार की रात कुलपति आवास के पास पहुंचे छात्र और छात्राओं पर विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मियों ने लाठीचार्ज कर दिया, जिसमें कुछ छात्र घायल हो गए।
छात्राओं का कहना है कि पुलिस ने उन पर भी लाठीचार्ज किया। इसके बाद छात्रों का गुस्सा भड़क उठा और उन्होंने सुरक्षाकर्मियों पर पथराव शुरू कर दिय। सभी छात्र संस्थान में गुरुवार को हुई कथित छेड़खानी के विरोध में धरना प्रदर्शन कर रहे थे। इस बीच कुलपति ने हालात के मद्देनजर तत्काल प्रभाव से विश्वविद्यालय को दो अक्तूबर तक बंद रखने का आदेश दिया है।
एहतियात के तौर पर प्रशासनिक अनुरोध के बाद काशी विद्यापीठ और संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय समेत जिले के सभी डिग्री कॉलेजों को भी दो अक्तूबर तक बंद कर दिया गया है। वहीं, छात्रा के साथ हुई छेड़खानी के विरोध में बीएचयू में चल रहे आंदोलन के तीसरे दिन हिंसक होने के बाद रविवार को कुलपति प्रो. गिरीश चन्द्र त्रिपाठी ने चुप्पी तोड़ी।
उन्होंने आंदोलन को सुनियोजित करार दिया और कहा कि बाहरी लोगों ने आंदोलन को भड़काया। इनमें अधिकांश छात्रएं दिल्ली व इलाहाबाद से आई थीं। बीएचयू की एक भी छात्र-छात्रएं इस आंदोलन में शामिल नहीं हैं। पूरी घटना सुनियोजित तरीके से की गई, जिससे कि बीएचयू की शांति व्यवस्था भंग हो। घटना की गूंज लखनऊ और दिल्ली पहुंचने के बाद कुलपति ने मीडिया के समक्ष पक्ष रखा।
BREAKING: बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी में छात्राओं पर लाठी चार्ज, वाईस चांसलर पर आरोप, लडकियां कर रही थी कैंपस में एक छात्रा के साथ छेड़छाड़ का विरोध। रिपोर्ट्स के अनुसार जब छात्रा ने यूनिवर्सिटी प्रशासन से अपने साथ हुए छेड़छाड़ की शिकायत की तो उन्होंने ने उलटा लड़की को ही बुरा भला कहना शुरू कर दिया।
Posted by जनता का रिपोर्टर on Saturday, 23 September 2017