गुजरात के बहुचर्चित सोहराबुद्दीन शेख और तुलसीराम प्रजापति फर्जी एनकाउंटर मामले की सुनवाई कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत के दिवंगत न्यायाधीश बृजगोपाल हरकिशन लोया की कथित रहस्यमय मौत के जिस केस को लेकर सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जजों ने ‘बगावत’ की, अब उसकी सुनवाई खुद चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा करेंगे।
(PTI File Photo)यह मामला जस्टिस अरुण मिश्रा की बेंच सुन रही थी, लेकिन चार जजों द्वारा खुले तौर पर आपत्ति जताए जाने के बाद जस्टिस अरुण मिश्रा ने खुद को सुनवाई से अलग करते हुए कहा था कि इसे ‘उपयुक्त बेंच’ के सामने पेश किया जाए। तभी से इस बात को लेकर कयास जारी थे कि आखिर जज लोया की मौत का केस किस बेंच के हवाले किया जाएगा।
न्यूज एजेंसी IANS के मुताबिक, प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ सोमवार (22 जनवरी) को लोया की मौत की स्वतंत्र जांच वाली दो याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। लोया की मौत सोहराबुद्दीन शेख मामले की सुनवाई के दौरान हुई थी।
समाचार एजेंसी एएनआई ने सुप्रीम कोर्ट की कॉजलिस्ट के हवाले से बताया है कि जज लोया की मौत से जुड़ा केस चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के सामने सुनवाई के लिए लिस्ट किया गया है। चीफ जस्टिस 22 जनवरी को इस मामले की सुनवाई करेंगे।
According to the Supreme Court causelist, Judge Loya death case is listed for hearing before the Chief Justice of India Dipak Misra on January 22
— ANI (@ANI) January 20, 2018
इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता तहसीन पूनावाला और महाराष्ट्र के पत्रकार बंधुराज संभाजी लोने ने न्यायाधीश लोया की मौत की स्वतंत्र जांच कराने को लेकर याचिका दाखिल की है। सर्वोच्च न्यायालय की ओर से शनिवार को जारी सूचीपत्र में बताया गया है कि इस मामले की सुनवाई प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ करेगी, जिसमें न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ भी होंगे।
इससे पहले न्यायमूर्ति अरुण मिश्र ने इस मामले से संबंधित दोनों याचिकाओं की सुनवाई की थी। सर्वोच्च न्यायालय के चार शीर्ष न्यायाधीशों की ओर से बागी तेवर अपनाने की एक वजह न्यायाधीश लोया की मौत के मामले का आवंटन भी था। इन न्यायाधीशों ने 12 जनवरी को प्रेस वार्ता में कहा था कि सर्वोच्च न्यायालय में सबकुछ ठीक नहीं है।
न्यायमूर्ति अरुण मिश्र की अध्यक्षता वाली पीठ ने 17 जनवरी को खुद ही इस मामले से अलग कर लिया था। इससे पहले पीठ ने महाराष्ट्र सरकार से न्यायाधीश लोया की मौत से संबंधित सभी दस्तावेज याचिकाकर्ताओं को साझा करने के आदेश दिए थे।
बता दें कि न्यायाधीश लोया की 1 दिसंबर 2014 को कथित तौर संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। मौत का कारण दिल का दौरा बताया गया था। यह मामला इसलिए सुर्खियों में है, क्योंकि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह मामले के एक आरोपी थे। हालांकि, शाह को बाद में सीबीआई की विशेष अदालत ने शोहराबुद्दीन शेख मामले में बरी कर दिया था।