नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ देश के कई राज्यों में पिछले कुछ दिनों से जमकर विरोध-प्रदर्शन हो रहे है। इस प्रदर्शन के दौरान उत्तर प्रदेश और दिल्ली समेत कई राज्यों में हिंसात्मक घटनाएं भी हुईं, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई। इस प्रदर्शन में कई बॉलीवुड सितारें भी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। सीएए के खिलाफ सिनेमा जगत की तमाम बड़ी हस्तियों के विरोध करने के बाद अब अभिनेत्री और कांग्रेस की पूर्व नेता उर्मिला मातोंडकर ने भी इस कानून की आलोचना की है। उर्मिला मातोंडकर ने सीएए की तुलना ब्रिटिश युग के रौलट एक्ट से की। उन्होंने सीएए को काला कानून बताया है।

गुरुवार (30 जनवरी) को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर नागरिकता संशोधन कानून (CAA) की आलोचना करते हुए उर्मिला मातोंडकर ने कहा कि, “1919 में दूसरे विश्व युद्ध के खत्म होने बाद अंग्रेज यह समझ गए थे कि हिंदुस्तान में उनके खिलाफ असंतोष बढ़ रहा है। इसलिए उन्होंने रॉलेट ऐक्ट जैसे एक कानून को भारत में लागू कराया। 1919 के इस रॉलेट ऐक्ट और 2019 के नागरिकता (संशोधन) अधिनियम को अब इतिहास के काले कानून के रूप में जाना जाएगा।”
बता दें कि, उर्मिला से पहले बॉलीवुड से जुड़े तमाम अन्य लोगो ने भी नागरिकता संशोधन कानून की आलोचना की थी। नसीरुद्दीन शाह, फिल्म निर्माता मीरा नायर, गायक टीएम कृष्णा, लेखक अमिताव घोष, इतिहासकार रोमिला थापर समेत 300 से ज्यादा हस्तियों ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनआरसी) का विरोध करने वाले छात्रों और अन्य के साथ एकजुटता प्रकट की है।
#WATCH Urmila Matondkar:After end of WW II in 1919, British knew unrest was spreading in India&that may rise after war was over. So, they brought a law commonly known as Rowlatt Act. That 1919 law&Citizenship (Amendment)Act of 2019 will be recorded as black laws in history(30.1) https://t.co/tIoLS2HTh7 pic.twitter.com/rmmnb52Kk4
— ANI (@ANI) January 31, 2020
बता दें कि, अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर 2019 के चुनाव से पहले मुंबई में कांग्रेस पार्टी की सदस्य बनी थीं। उर्मिला पूर्व में कांग्रेस के टिकट पर मुंबई उत्तरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ चुकी हैं। हालांकि, 2019 के चुनावी मैदान में उर्मिला मातोंडकर को हार का सामना करना पड़ा था। उन्होंने पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, कांग्रेस की मुंबई इकाई के अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा और पूर्व अध्यक्ष संजय निरुपम की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी। पार्टी में शामिल होने से पहले उन्होंने राहुल गांधी से भी मुलाकात की थी।
गौरतलब है कि, पिछले महीने संसद में पारित सीएए में मुस्लिम बहुल पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से उत्पीड़न का शिकार हुए ऐसे अल्पसंख्यक हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्धों को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान हैं, जो 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत में आ चुके हैं। 10 जनवरी से लागू होने वाले इस कानून का देशव्यापी विरोध हुआ है और लगभग सभी राज्यों में हजारों की तादाद में छात्र सड़कों पर उतरे हैं। इसके अलावा विपक्ष से लेकर सामाजिक कार्यकर्ता व आम लोग भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए हैं। लेकिन मोदी सरकार अड़ी हुई है। न तो वह इस कानून को वापस ले रही है और न इसमें कोई बदलवा करने को तैयार है।