अंडमान में देखी गई चीनी सबमरीन

0

साउथ चाइना सी के बाद हिंद महासागर में भी चीन की दखल बढ़ रहा है। पिछले तीन महीने में चार बार चीनी सबमरीन्स अंडमान के करीब देखी गईं। भारतीय नौसेना के अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि चीन की पनडुब्बीब हर तीन महीने में औसतन चार बार हिंद महासागर में देखी जाती हैं। समाचार पत्र जनसत्ता के मुताबिक चीन पनडुब्बियां भारत के अंडबार-निकोबार द्वीप समूह के करीब सबसे ज्यादा देखी जाती हैं। कई बार भारतीय रक्षा विशेषज्ञ इस इलाके में चीन की बढ़ती घुसपैठ के प्रति सरकार को आगाह कर चुके हैं।

File photo via NDTV

अंडमान निकोबार क्षेत्र मलक्काम स्ट्रेट के बेहद करीब है। यही वो जलक्षेत्र है, जहां से होकर साउथ चाइना के लिए रास्ता जाता है। चीन के 80 प्रतिशत ईंधन की सप्लाई की इसी रास्ते से होती है। खबर है कि पिछले महीने हुई बातचीत के दौरान भारत ने अमेरिका के लिए अपने सैन्य ठिकानों को खोलने की इजाजत दे दी। इसके बदले में भारत ने अमेरिका से हथियार बनाने के लिए आधुनिक टेक्नोलॉजी मांगी है। भारत और अमेरिका ने कुछ दिनों पहले ही संयुक्त नौसैनिक अभ्यास में हिस्सा लिया था। इस दौरान दोनों देशों की सेना ने P-8 एयरक्राफ्ट के नए वर्जन का इस्तेमाल किया था। P-8 एयरक्राफ्ट में बेहद आधुनिक सेंसर लगे हैं। यह पनडुब्बियों को निशाना बनाने के लिए बेहद शानदार हथियार है।

Previous articleमुझे यह कहने में संकोच नहीं है कि गोविंदा के दाऊद इब्राहिम से रिश्ते थे: राम नाइक
Next articleKolkata’s flyover collapse and how RBI does not care a fig about transparency and accountability