54 साल बाद आज चीनी सेना का वांग छी अपने मुल्क लौट रहा है। 1963 में गलती से भारत में प्रवेश कर जाने के कारण वांग छी को चीनी जासूस मान लिया गया था और पकड़े जाने पर सजा सुना दी गई थी। आज सुबह 3 बजे वांग छी ने चीन के लिए उड़ान भरी।
भारत-चीन लड़ाई के दौरान वांग छी रास्ता भटक कर भारत पंहुच गए। वे गिरफ़्तार हुए, उन पर मुक़दमा चला, उन्हें सज़ा हुई। सज़ा पूरी होने के बाद वे यहीं बस गए।
पिछले दिनों मीडिया में वांग छी की खबरें प्रकाशित होने के बाद विदेश मंत्रालय और चीनी सरकार ने उनके मामले पर गौर किया और वापस उनके मुल्क भेजने का प्रावधान किया।
वांग छी का दावा था कि वह गलती से भारत की सीमा में प्रवेश कर गए थे। भारत में घुसने के बाद वह पकड़े गए और 6-7 साल की सजा काटी। सजा पूरी होने के बाद उनको मध्य प्रदेश के तिरोड़ी गांव में छोड़ दिया गया। इस गांव में तब वांग छी ने एक छोटी से आटे की चक्की लगाई और काम करना शुरू किया। 1975 में वांग छी ने भारत की ही एक महिला से शादी कर ली। उनके एक बेटा और दो बेटियां हैं।
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, वांग छी ने पहली बार पत्रों के माध्यम से 80 के दशक में अपने परिवार से बातचीत की और 2002 में अपनी मां से फोन पर बात की। वांग छी को चीन भेजने के बाद उनके परिवार के अन्य सदस्यों को भी चीन भेजने की व्यवस्था की जाएगी।
जबकि उनको चीन रवाना करने से पहले दिल्ली में चीनी दूतावास ने एक कार्यक्रम रख उन्हें सम्मानित किया। वांग छी से जब पूछा गया कि वो तिरोड़ी गांव के लोगों से क्या कहेंगे तो उन्होंने कहा, “तुम लोग अफ़सोस मत करो, मैं बिल्कुल वापस आ जाउंगा। मैं अपनी जन्मभूमि देखकर वापस आ जाउंगा।