“वह एक जादुई आंख वाले व्यक्ति थे”: भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने दानिश सिद्दीकी को दी श्रद्धांजलि

0

अफगानिस्तान में काम करते समय जान गंवाने वाले विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित पुलित्जर पुरस्कार विजेता भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी को मुंबई प्रेस क्लब ने मरणोपरांत ‘जर्नलिस्ट ऑफ द ईयर’ पुरस्कार -2020 से सम्मानित किया है। वहीं, भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने बुधवार को स्वर्गीय दानिश सिद्दीकी को यह कहते हुए श्रद्धांजलि दी कि वह ‘जादुई आंख वाले’ व्यक्ति थे।

दानिश सिद्दीकी

मुंबई प्रेस क्लब द्वारा आयोजित एक पुरस्कार समारोह में बोलते हुए, CJI रमना ने कहा, “मैं दिवंगत दानिश सिद्दीकी को भी अपना सम्मान देना चाहूंगा। वह एक जादुई आंख वाले व्यक्ति थे और उन्हें इस युग के अग्रणी फोटो-पत्रकारों में से एक माना जाता था। अगर एक तस्वीर एक हजार शब्दों को बयां कर सकती है, तो उसकी तस्वीरें उपन्यास थीं।”

अमेरिकी विदेश विभाग ने अफगानिस्तान में लड़ाई को कवर करने के दौरान उनकी मृत्यु के बाद रॉयटर्स समाचार एजेंसी के लिए काम करने वाले दानिश को एक गहरी श्रद्धांजलि जारी की थी। विश्व स्तर पर प्रसिद्ध भारतीय पत्रकार की मौत पर चुप्पी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके विदेश मंत्री एस जयशंकर की बढ़ती आलोचना के बीच अमेरिका की यह प्रतिक्रिया सामने आई थी।

अमेरिका के विदेश विभाग में प्रधान उप प्रवक्ता जलिना पोर्टर ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था, ‘‘हमें यह सुनकर गहरा दुख हुआ है कि रॉयटर्स के फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी अफगानिस्तान में लड़ाई को कवर करते हुए मारे गए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सिद्दीकी ने अक्सर दुनिया के सबसे अधिक जरूरी और चुनौतीपूर्ण खबरों पर अपने काम से प्रशंसा पाई। वह ध्यान आकर्षित करने वाली तस्वीरें लेते थे जो भावनाओं से ओत-प्रोत होतीं और सुर्खियां बनाने वाले मानवीय चेहरे को व्यक्त करते थे।’’

वहीं, अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने दानिश सिद्दीकी के पिता से फोन पर बात कर शोक व्यक्त किया था।अशरफ गनी के कार्यालय से एक बयान में कहा गया था, “आज दोपहर, महामहिम राष्ट्रपति अशरफ गनी ने रॉयटर्स के दिवंगत पत्रकार दानिश सिद्दीकी के पिता प्रोफेसर सेडिकी को फोन किया और उनके बेटे की मौत पर उनके परिवार, दोस्तों और सहयोगियों को अपनी संवेदना व्यक्त की। राष्ट्रपति ने उनके निधन को पत्रकारिता जगत के लिए एक बड़ी क्षति बताया।”

बता दें कि, दानिश सिद्दीकी की अफगानिस्तान में तालिबान आतंकियों के हमले में मौत हो गई थी। उनके शव को अंतरराष्ट्रीय रेडक्रास और काबुल स्थित भारतीय दूतावास के जरिए दिल्ली लाया गया था। जिसके बाद उनके शव को जामिया मिल्लिया इस्लामिया के कब्रिस्तान में सुपुर्दे-खाक किया गया।

वर्ष 2018 में पुलित्जर पुरस्कार जीत चुके दानिश सिद्दीकी रॉयटर्स समाचार एजेंसी के लिए काम करते थे। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक टेलीविजन समाचार संवाददाता के रूप में की थी और बाद में वह फोटो जर्नलिस्ट बन गए।

38 वर्षीय विश्व-प्रसिद्ध फोटो जर्नलिस्ट ने बांग्लादेश के तटों पर पहुंचने वाले रोहिंग्या प्रवासियों पर अपनी तस्वीरों के लिए पुलित्जर पुरस्कार जीता था।

[Please join our Telegram group to stay up to date about news items published by Janta Ka Reporter]

Previous articleसचिन तेंदुलकर ने पाकिस्तान के पूर्व खिलाड़ी सकलैन मुश्ताक को खास अंदाज में दी जन्मदिन की बधाई, हिंदुत्व कट्टरपंथियों को नहीं आया रास; चेन्नई टेस्ट को याद कर क्रिकेट फैंस की पुरानी यादें हुई ताजा
Next articleउत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले अखिलेश यादव को बड़ा झटका, समाजवादी पार्टी के छह पार्षद कांग्रेस में हुए शामिल