यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से जेड प्लस सुरक्षा वापस लेगा केंद्र! हटाए जाएंगे ब्लैक कैट कमांडो

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लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को एक और बड़ा झटका लगने वाला है। खबरों की मानें तो केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अखिलेश यादव की जेड प्लस सुरक्षा वापस लेने का मन बना लिया है। केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद अब अखिलेश यादव की सुरक्षा में ब्लैक कमांडो तैनात नहीं होंगे। हालांकि, इस संबंध में गृह मंत्रालय द्वारा कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।

फाइल फोटो: ट्विटर

समाचार एजेंसी पीटीआई को सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के तहत सुरक्षा प्राप्त वीआईपी लोगों की सुरक्षा की व्यापक समीक्षा गृह मंत्रालय द्वारा की गई, जिसके बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष को उपलब्ध कराया गया विशिष्ट राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) कवर वापस लेने का फैसला किया गया। अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ कि अखिलेश को किसी दूसरी केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी की सेवा मुहैया कराई जाएगी या उनका केंद्रीय सुरक्षा कवच पूरा हटा लिया गया है। उन्होंने कहा कि यादव के पिता मुलायम सिंह यादव का एनएसजी ‘ब्लैक कैट’ सुरक्षा कवच पहले की तरह बरकरार रहेगा।

वहीं, समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, केंद्र सरकार ने अखिलेश यादव को दी गई जेड प्लस श्रेणी की ब्लैक कैट सुरक्षा वापस लेने का निर्णय लिया है। यह निर्णय केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के अंतर्गत वीआईपी सुरक्षा प्राप्त लोगों की समग्र समीक्षा करने के बाद लिया गया है। हालांकि यह अभी स्पष्ट नहीं हुआ है कि अखिलेश को किसी अन्य केंद्रीय बल की कम श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की जाएगी या उनकी केंद्रीय सुरक्षा पूरी तरह से हटा ली गई है।

सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि अखिलेश के पिता और सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव को दी गई इसी के समान राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) ब्लैक कैट सुरक्षा हालांकि बहाल रहेगी। अखिलेश को साल 2012 में केंद्र में संप्रग सरकार के दौरान शीर्ष श्रेणी की वीआईपी सुरक्षा दी गई थी। इसके तहत उनकी सुरक्षा के लिए उन्हें आधुनिकतम हथियारों से युक्त 22 एनएसजी कमांडों की टीम दी गई थी।

सूत्रों ने कहा कि गृह मंत्रालय ने यह निर्णय केंद्र और राज्य (उत्तर प्रदेश) की खुफिया एजेंसियों की खतरे की संभावना की रिपोर्ट्स के आधार पर लिया है। उन्होंने कहा कि लगभग दो दर्जन अन्य वीआईपीज की सुरक्षा भी या तो हटा दी जाएगी या उसकी श्रेणी कम कर दी जाएगी। अधिकारियों ने कहा कि आधिकारिक आदेश जल्द आएगा। केंद्रीय आतंकवाद निरोधक बल एनएसजी सुरक्षा वर्तमान में 13 प्रसिद्ध नेताओं को दी गई है।

इनमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और फारूक अब्दुल्ला व अन्य लोग शामिल हैं। सूत्रों ने कहा है कि केंद्र और राज्य (उत्तर प्रदेश) की खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के आधार पर गृह मंत्रालय ने खतरे के आकलन के आधार पर यह फैसला किया है कि कम से कम दो दर्जन अन्य वीआईपी लोगों की सुरक्षा या तो वापस ली जाएगी या घटाई जाएगी।

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