पंजाब के अमृतसर में दशहरा पर रावण दहन कार्यक्रम के दौरान लगभग 61 लोगों के तेज रफ्तार रेलगाड़ी से कटने का मामला अब कोर्ट पहुंच गया है। बिहार के मुजफ्फरपुर की एक अदालत में ट्रेन की चपेट में आने से 61 लोगों की मौत और 70 लोगों के घायल होने के मामले में पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी और पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू के खिलाफ सोमवार को एक परिवादपत्र दायर किया गया।
PTIसमचार एजेंसी IANS के मुताबिक, मुजफ्फरपुर की मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी आरती कुमारी सिंह की अदालत में सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी द्वारा दायर परिवादपत्र में आरोप लगाया गया है कि कौर अपने कर्तव्यों के निर्वहन में विफल रही हैं। तमन्ना हाशमी के वकील सूरज कुमार ने बताया कि भादंवि की विभिन्न धाराओं के तहत दायर इस परिवादपत्र में आरोप लगाया गया है कि पंजाब सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी की मौजूदगी के कारण रावण दहन कार्यक्रम में अधिक लोग एकत्रित हुए थे और कार्यकम स्थल पर मौजूद सुरक्षा बल भीड़ को रेलवे ट्रैक से हटाए जाने के बजाय कौर की सुरक्षा में लगे थे।
उन्होंने आरोप लगाया कि हादसे के बाद कौर राहत एवं बचाव कार्य चलाने के बजाय दुर्घटना होने के बाद वहां से फरार हो गईं। हाशमी ने कौर पर गैर जिम्मेदाराना कृत्य करने और कर्तव्यों का निर्वहन न करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। अधिवक्ता ने बताया कि इस मामले की अगली सुनवाई तीन नवंबर को होगी।
आपको बता दें कि पंजाब के अमृतसर में दशहरा पर रावण दहन कार्यक्रम के दौरान लगभग 61 लोगों के तेज रफ्तार रेलगाड़ी से कटने के बाद कार्यक्रम आयोजक भूमिगत हो गया था। हालांकि सोमवार को एक वीडियो जारी हुआ है जिसमें दावा किया जा रहा है कि उसने सभी अनुमति ले रखी थीं और कार्यक्रम के दौरान रेल की पटरी पर खड़े लोगों से वह स्थान खाली करने की अपील की जा रही है।
पंजाब मंत्रिमंडल के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी नवजोत कौर के करीबी सौरभ मदान मिट्ठू ने सोमवार को एक अज्ञात स्थान से वीडियो जारी किया जिसमें उसने दावा किया कि उसकी, उसकी पार्षद मां और अन्य आयोजकों की इस दुर्घटना में कोई गलती नहीं है।
सौरभ ने रुं धे गले से माफी मांगते हुए कहा, “हमने सभी जरूरी अनुमतियां ली थीं और दशहरा कार्यक्रम के मैदान में सभी जरूरी सुरक्षा उपकरणों को सुनिश्चित किया था। रेल की पटरी पर खड़े लोग मैदान से बाहर थे। हमने उनसे कई बार पटरी खाली करने के लिए कहा।” उसने कहा कि शुक्रवार शाम सात बजे जहां रावण दहन का कार्यक्रम था उस मैदान में अग्निशमन की गाड़ियां और पुलिस मौजूद थी।