केंद्र सरकार ने 33,000 गैर-सरकारी संगठनों (NGO) में से करीब 20,000 संगठनों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं।सरकार की इस कार्रवाई के बाद अब सिर्फ 13 हजार एनजीओ कानूनी रूप से मान्य हैं।
केंद्र सरकार ने गैर-सरकारी संगठनों (NGO) पर कड़ी कार्रवाई करते हुए 20 हजार विदेशी चंदा नियमन कानून लाइसेंस रद्द कर दिए हैं। मंगलवार को गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में गृह मंत्रालय ने FCRA लाइसेंस की रिव्यू मीटिंग बुलाइ थी। जिसमें ये फैसला लिया गया है।
सरकार ने इन NGO द्वारा विदेशी चंदा नियमन कानून के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर यह कार्रवाई की है। सरकार ने जिन NGO का FCRA लाइसेंस रद्द किया है, वे अब विदेशी चंदा नहीं ले सकेंगे।
Only 13,000 #NGOs now legally valid as govt cancels #FCRA licences of 20,000 out of 33,000 such organisations for violation of laws.
— Press Trust of India (@PTI_News) December 27, 2016
मीडिया रिपोट्स के मुताबिक, इससे पहले सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के एनजीओ का लाइसेंस भी 13 दिसंबर 2016 को विदेशी अंशदान नियमन अधिनियम (एफसीआरए) के तहत रिन्यू किया गया था और फिर अगले ही दिन गृह मंत्रालय ने उसे कैंसिल कर दिया था।
तीस्ता के एनजीओ को लेकर मंत्रालय ने लाइसेंस के रिन्यू से पहले ही दूरी बना ली थी, मंत्रालय ने कहा था कि आवेदन कुछ महीने पहले किया गया था। आवेदन उस वक्त किया गया था, जब आईएएस अधिकारी जीके द्विवेदी ज्वाइंट सेक्रेट्री थे। जाकिर नाइक के एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर हुए विवाद के बाद सितंबर 2016 में द्विवेदी को एफसीआरए डिविजन से हटा दिया गया था
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सारे एनजीओ के कामकाज की समीक्षा की कवायद करीब एक साल पहले शुरू हुई थी और यह प्रक्रिया अब भी चल रही है ।
करीब 13,000 मान्य एनजीओ में से करीब 3,000 ने लाइसेंस के नवीनीकरण के आवेदन किए हैं और गृह मंत्रालय को पहली बार एफसीआरए के तहत पंजीकरण के लिए 2,000 नए आवेदन मिले हैं । इनके अलावा, 300 एनजीओ अभी पूर्व अनुमति श्रेणी के दायरे में हैं, लेकिन एफसीआरए के तहत वे पंजीकृत नहीं हैं ।