राजस्थान में बीएसएफ की टीम को ऊंटों की पीठ पर योग आसन (मुद्रा) करने के लिए सोशल मीडिया पर आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। इन योगाभ्यासों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं जिसमें ऊंट फर्श पर पीठ के बल लेटे हैं जबकि बीएसएफ के जवान उनकी पीठ के बल योगासन करते नजर आ रहे हैं। सोशल मीडिया यूजर्स तस्वीर शेयर करते हुए बीएसएफ के जवानों की जमकर आलोच कर रहे है।
हरिदेव जोशी जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन, जयपुर के संस्थापक वीसी और वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी ने ट्विटर पर घटना की एक तस्वीर साझा की और लिखा, “निर्दय योग! ऊँट के पाँव बांधकर, क़ालीन के माफ़िक़ ज़मीन पर बिछाकर उसकी पेट पर योगासन करना योग नहीं है, क्रूरता भरा अत्याचार है। साधना और आत्मानुशासन वाले योग को सरकारी आदेशों से सड़क-मैदान की कसरत-पीटी में बदल देना इस दौर की एक और नायाब देन समझिए।”
निर्दय योग! ऊँट के पाँव बांधकर, क़ालीन के माफ़िक़ ज़मीन पर बिछाकर उसकी पीठ पर योगासन करना योग नहीं है, क्रूरता भरा अत्याचार है। साधना और आत्मानुशासन वाले योग को सरकारी आदेशों से सड़क-मैदान की कसरत-पीटी में बदल देना इस दौर की एक और नायाब देन समझिए। फ़ोटो सौजन्य @manaman_chhina pic.twitter.com/eyBhGxCgVY
— Om Thanvi (@omthanvi) June 21, 2021
इसको लेकर सोशल मीडिया पर जमकर निंदा की गई जिन्होंने संबंधित सरकारी अधिकारियों से सख्त कार्रवाई करने और इस प्रथा को रोकने के लिए कहा। एक सोशल मीडिया यूजर ने पीएमओ को टैग करते हुए कहा, “क्या पीएमओ इस तरह के नीरस शो के आयोजकों के खिलाफ निर्दोष जानवरों का दुरुपयोग करने के खिलाफ कार्रवाई करेंगे?” उन्होंने कहा, “आयोजकों को तुरंत गिरफ्तार करने की जरूरत है।”
Yoga is a good thing, should be done everyday. But below picture of @BSF_India personnel is just not done. Don’t overdo things for the sake of pictures. Making the camel lie down and posing for camera like this is just not done. Don’t reduce Yoga Day to this. pic.twitter.com/y2MUkcsL77
— Snehesh Alex Philip (@sneheshphilip) June 21, 2021
समाजसेवी अजय वर्मा ने कहा, “दिखाने के लिए बेजुबान जानवर को बांधकर, ऊंट की टांग बांधकर और उस पर बैठ कर बीएसएफ द्वारा योग का फोटो सेशन करना एक तरह का क्रूर व्यवहार माना जाएगा जो कि अत्यधिक निंदनीय है।”
एबीएन शर्मा, आईजी (सेवानिवृत्त), बीएसएफ सेवानिवृत्त अधिकारी ने कहा, “ऊंटों और संचालकों को लेटने और रेंगने जैसे विभिन्न कार्य करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। पुरुष योग या पीटी करते हैं, चलते या स्थिर रहते हुए हथियार का उपयोग करते हैं। इस तरह के प्रदर्शन का आनंद लिया जा सकता है कौशल और स्टंट नहीं जैसा कि हम मोटरसाइकिल डेयरडेविल टीमों के लिए करते हैं।”
एक अन्य यूजर ने पूछते हुए लिखा, “क्या यह पशु क्रूरता अधिनियम के तहत अपराध नहीं है।” एक अन्य ने लिखा, “इस मामले में पुलिस को ऐक्शन लेना चाहिए।” इसी तरह तमाम लोग इस मामले पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे है।