बर्खास्तगी के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील करेंगे BSF जवान तेज बहादुर यादव

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सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर खराब खाने की शिकायत करने वाले सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान तेज बहादुर यादव को बीएसएफ ने बर्खास्त कर दिया है। बीएसएफ ने अपने जांच में माना कि तेज बहादुर ने झूठी शिकायत करके सेना की छवि खराब करने की कोशिश की। कोर्ट ऑफ इंक्वॉयरी में यह बात सामने आई है कि जिन भी जवानों से पूछताछ की गई, उनमें से किसी ने भी खराब खाना परोसे जाने की शिकायत नहीं की।

इस खबर पर तेज बहादुर यादव ने कहा कि मुझे बर्खास्त कर दिया गया है, मैं इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील करूंगा। उन्होंने कहा कि उम्मीद है न्याय मिलेगा, मुझे न्याय व्यवस्था में पूरा यकीन है। सच बोलने पर यही होता है।

वहीं, तेज बहादुर ने एनडीटीवी से कहा कि मुझे अपनी बात रखने का मौका ही कहां दिया गया। तेज बहादुर ने कहा कि मुझे इतने दिनों तक गिरफ्तार करके रखा गया। मैंने ऊंचे लेवल पर हर जगह शिकायत की थी लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई। मुझे बर्खास्त करने में भी नियमों का ध्यान नहीं रखा गया। मुझे सोशल मीडिया पर वीडियो डालने के असर की जानकारी नहीं थी। मैं तो भ्रष्टाचार के खिलाफ पीएम मोदी की मुहिम का हिस्सा बनना चाहता था।

जबकि इस मुद्दे पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जवान को बर्खास्त करने का फैसला जांच के बाद लिया गया है। यादव ने वीडियो अपलोड कर नियमों का उल्लंघन किया है। अधिकारी ने आगे कहा कि बर्खास्तगी के खिलाफ तेज बहादुर यादव अपील कर सकता है। उसके पास अपील करने के लिए तीन महीने का समय है।

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि तेजबहादुर ने 9 जनवरी में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल करके हलचल पैदा कर दी थी। तेजबहादुर ने अपने वीडियो में बीएसएफ जवानों को दिए जाने वाले खाने को दिखाया था। तेजबहादुर के वीडियो वायरल होने के बाद उसे बार्डर से मंडी स्थित हेडक्वार्टर में बुला लिया गया।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बाद में 10 जनवरी को उसका मोबाईल भी जब्त कर लिया गया। तेजबहादुर को 31 जनवरी को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति दी जानी थी, लेकिन जांच का हवाला देकर उसकी सेवानिवृत्ति को भी रद्द कर दिया गया। तेज बहादुर का वीडियो वायरल होने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय और केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस घटना का ब्यौरा मांगा था। तेज बहादुर के खिलाफ अनुशासनहीनता सहित कई आरोपों की जांच चल रही थी।
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