प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार(3 अगस्त) को अपने मंत्रिपरिषद का बहुप्रतीक्षित विस्तार किया, जिसमें नौ नये चेहरों को शामिल किया गया और चार मंत्रियों धर्मेन्द्र प्रधान, पीयूष गोयल, निर्मला सीतारमण और मुख्तार अब्बास नकवी को कैबिनेट मंत्री के रूप में पदोन्नति मिली। जबकि मंत्रिपरिषद विस्तार में अश्विनी कुमार चौबे, वीरेंद्र कुमार, शिव प्रताप शुक्ला, अनंत कुमार हेगड़े, राज कुमार सिंह, हरदीप पुरी, गजेंद्र सिंह शेखावत, सत्यपाल सिंह और के जे एल्फॉस ने राज्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
FILE PHOTO: Indian Expressकैबिनेट में हुए फेरबदल से पहले एक के बाद एक छह मंत्रियों से इस्तीफा ले लिया गया। जिन मंत्रियों को हटाया गया उनमें कलराज मिश्रा, बंगारु दत्तात्रेय, फगन सिंह कुलस्ते, राजीव प्रताप रूडी, संजीव बलियान व महेंद्र नाथ पांडेय शामिल हैं। इस्तीफा देने वाले मंत्रियों में सबसे पहला नाम राजीव प्रताप रूडी का था। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि रूडी पीएम मोदी और आलाकमान की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए।
पहली बार तोड़ी चुप्पी
बतौर केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद राजीव प्रताप रूड़ी ने इस मामले पर पहली बार चुप्पी तोड़ी है। रूड़ी ने NDTV से मंगलवार(5 सितंबर) को बातचीत में कहा कि, ‘मैंने अपनी ओर से पूरी कोशिश की। लेकिन मेरे उत्तराधिकारी (मेरे आलोचक भी इसके साक्षी होंगे) को भी कुछ प्रत्यक्ष परिवर्तन डिलीवर करने में कुछ समय लगेगा।’
अपने तीन साल के कार्यकाल का बचाव करते हुए रूड़ी ने कहा कि अगर मेरे बॉस को लगता है कि मैं फेल हो गया हूं तो मैं अपने बॉस से सर्टिफिकेट नहीं ले सकता। बॉस हमेशा सही होता है, लेकिन हां इतने कम समय में मैं लोगों और अपने बॉसेस को अपने अंडर में हुए काम के बारे में बताने में नाकामयाब रहा। उन्होंने कहा कि मैं कैसे रोजगार पैदा कर सकता हूं? मुझे ब्रीफ किया गया था, काम करने योग्य वर्कफोर्स तैयार करने के लिए। मुझे जो ब्रीफ दिया गया था, उसमें नौकरी दिलवाने की बात कहीं नहीं थी।
एनडीटीवी की खबर के मुताबिक गुरूवार को रूडी दिल्ली से पटना अपनी पत्नी के साथ पहुंचे थे। एयरपोर्ट पर उतरते ही उन्होंने अपना मोबाइल ऑन किया तो उन्हें उनके ऑफिस से फोन आया कि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह उनसे तुरंत संपर्क करना चाहते हैं। उनके ऑफिस ने उन्हें तुरंत दिल्ली आने की भी सलाह दी।
जिसके बाद वह फौरन अपनी पत्नी को पटना ही छोड़कर दिल्ली के रवाना हो गए। दिल्ली आकर उन्होंने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान उन्हें तुरंत इस्तीफा देने को कहा गया। रूडी से कहा गया कि बिहार में संगठन को मजबूत करने के लिए पार्टी उनकी सेवाएं लेगी। पार्टी अध्यक्ष से मुलाकात के बाद रूडी ने इस्तीफा देने की घोषणा कर दी।
बता दें कि रूड़ी की जगह धर्मेंद्र प्रधान को पेट्रोलियम मंत्रालय के अलावा कौशल विकास मंत्रालय का भी प्रभार दिया गया है। पेट्रोलियम मंत्री के रूप में प्रधान के पास अभी तक स्वतंत्र प्रभार था। लेकिन पीएम मोदी ने उज्ज्वला योजना की सफलता और एलपीजी सब्सिडी पर उनके काम को देखते हुए उनको कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया है। पहले इस मंत्रालय का प्रभार राजीव प्रताप रूढ़ी के पास था, लेकिन मंत्रिपरिषद विस्तार से उनसे इस्तीफा ले लिया गया था।