जबसे भाजपा नेता सुब्रमनियन स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुख्या आर्थिक सलाहकार पर हमला बोलै है, पार्टी में एक भुंचाल सा आ गया है।
मौके की नजाकर को देखते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने फ़ौरन सफाई दी कि सरकार अरविन्द स्वामी के काम से बेहद खुश हैं और उनको हटाए जाने का प्रश्न ही नहीं उठता है।
जेटली ने बुधवार को कहा कि सरकार मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रह्मण्यम के साथ खड़ी है। कैबिनेट मीटिंग के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को आयोजित करते हुए जेटली ने कहा कि नीतिगत फैसलों में अरविंद सुब्रह्मण्यम का सरकार को योगदान बेशककीमती है।
जेटली ने कहा, ‘राजनेताओं को यह ध्यान देना चाहिए कि उन लोगों पर किस हद तक हमला करें, जिन पर उनके पद के अनुशासन और दायरों की वजह से जवाब देने में बंदिशें लगी हों।’ जेटली ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह भी राजन पर स्वामी के बयानों को सही नहीं मानते। बता दें कि इससे पहले, स्वामी ने बुधवार को ही मांग की थी कि सरकार को अरविंद सुब्रह्मण्यक को बर्खास्त कर देना चाहिए।
स्वामी ने आरोप लगाया था कि वे कांग्रेस और अमेरिका के हितैषी हैं। बीजेपी ने खुद को स्वामी के बयानों से अलग कर लिया है। बीजेपी ने बयान जारी करके कहा है कि वे स्वामी के मुख्य आर्थिक सलाहकार के बारे में दिए गए बयान से सहमत नहीं हैं। बीजेपी के मुताबिक, ये स्वामी की निजी राय है।
भाजपा में जारी अंतर्कलह पर विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने चुटकी लेते हुए कहा कि ऐसा लगता है स्वामी प्रधानमंत्री मोदी के अघोषित प्रवक्ता बन गए हैं।
पार्टी प्रवक्ता के एल पुनिया ने कहा की मुख्या आर्थिक सलाहकार के खिलाफ स्वामी द्वारा लगाए आरोप गम्भीर हैं और सरकार को चाहिए कि वो या तो भाजपा सांसद के खिलाफ कार्रवाई करे या फिर सुब्रमनियन को उनके पद से फ़ौरन हटाए।
सीनियर कांग्रेस नेता और पार्टी के महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा की कि सुब्रमनियन स्वामी के निशाने पर दरअसल जेटली थे और उन्होंने मुख्या आर्थिक सलाहकार को बहना बनकर उनपर हमला किया था।
सिंह ने अपने एक ट्वीट में कहा, “क्या मोदी अब वित्त मंत्रालय सुब्रमनियन स्वामी के हवाले कर रहे हैं?”