महाराष्ट्र भाजपा ने नगर परिषद के चेयरपर्सन और एक अन्य स्थानीय निकाय के उपप्रमुख को निलंबित कर दिया है जिन्होंने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ हाल ही में प्रस्ताव पारित किए थे। बता दें कि, नगर परिषद में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सत्तारूढ़ है।

भाजपा प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने बुधवार को अपने टि्वटर हैंडल पर निलंबन पत्र पोस्ट किए। पत्रों के अनुसार, परभनी स्थित सेलू नगर परिषद के चेयरपर्सन विनोद बरोड़े और पालम नगर परिषद के उपप्रमुख बालासाहेब रोकड़े को पार्टी ने निलंबित कर दिया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने पत्रों में कहा कि दोनों पार्टी नेताओं ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ मतदान करके अनुशासनहीनता दिखाई है, इसलिए उन्हें पार्टी से निलंबित किया गया है। हालांकि, उसमें निलंबन अवधि के बारे में नहीं बताया गया है।
परभणी येथील पालम नगरपरिषदचे नगराध्यक्ष बाळासाहेब गणेश रोकडे व सेलू नगर परिषदेचे नगराध्यक्ष
विनोद हरीभाऊ बोराडे यांनी #CAA विरोधात नगरपरिषदेत ठराव केल्यामुळे त्यांना पक्षातून निष्कासित करण्यात येत असल्याची धोषणा प्रदेशाध्यक्ष @ChDadaPatil यांनी केली आहे. pic.twitter.com/b3CuwMqJy3— Keshav Upadhye (@keshavupadhye) March 4, 2020
बता दें कि, बीते 28 फरवरी को महाराष्ट्र के परभनी जिले में भाजपा शासित सेलू नगर परिषद ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के क्रियान्वयन और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया था। परिषद के अध्यक्ष विनोद बोराडे ने सोमवार को बताया कि नगर परिषद में 27 पार्षद हैं। उन्होंने कहा, ‘प्रस्ताव 28 फरवरी को बिना किसी विरोध के बहुमत से पारित किया गया।’ उन्होंने कहा कि स्थानीय जन प्रतिनिधि ऐसे कदम के पक्ष में थे।
उन्होंने यह भी बताया कि कांग्रेस, राकांपा और 7 मुस्लिम पार्षदों के कहने पर प्रस्ताव पारित होने से दो दिन पहले एक बैठक बुलाई थी। जिसकी मांग राकांपा, कांग्रेस के सदस्यों और मुस्लिम समुदाय के सात पार्षदों ने की थी। इसमें तय हुआ कि नगर पालिका के अधिकार क्षेत्र में यह लागू नहीं किया जाएगा। (इंपुट: भाषा के साथ)