पांच राज्य विधानसभाओं (राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम) के लिए संपन्न चुनावों में डाले गए मतों की मंगलवार (11 दिसंबर) सुबह आठ बजे से कड़ी सुरक्षा के बीच गणना जारी है। इन पांचों राज्यों के परिणामों को अगले साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव का सेमी फाइनल कहा जा रहा है। इन राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के ‘अच्छे दिन’ आते दिख रहे हैं।
फाइल फोटो: बीजेपी राज्यसभा सांसद संजय काकड़ेराजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार बनने के संकेत हैं, जबकि मध्य प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर दिख रहा है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के शानदार प्रदर्शन की पृष्ठभूमि में कई प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं ने मंगलवार (11 दिसंबर) को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व की सराहना की और कहा कि ‘राष्ट्रीय क्षितिज’ पर वह तेजी से उभर रहे हैं।
यदि कांग्रेस इन तीनों राज्यों में अपनी सरकार बनाने में सफल हो जाती है तो आम चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए यह संजीवनी मिलने जैसा होगा। इन्हीं रूझानों के बीच कांग्रेसी के साथ-साथ बीजेपी नेताओं की बयानबाजी भी काफी तेज हो गई है। इसी बीच, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राज्यसभा सांसद संजय काकड़े ने अपनी ही सरकार पर निशाना साधा है।
समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक बीजेपी राज्यसभा सांसद संजय काकड़े ने कहा, “मैं जानता था कि हम राजस्थान और छत्तीसगढ़ हारेंगे, लेकिन मध्य प्रदेश के नतीजे चौंकाने वाले हैं। हमें लगता है कि हम विकास के मुद्दे को भूल गए हैं, जिसे लेकर मोदी 2014 में आगे बढ़े थे। राम मंदिर, प्रतिमाएं और नाम बदलने पर हमारा ध्यान बढ़ गया है।”
Sanjay Kakade, BJP Rajya Sabha MP: I knew we would lose in Rajasthan & Chhattisgarh but MP trends have come as a surprise. I think we forgot the issue of development that Modi took up in 2014. Ram Mandir, statues & name changing became the focus. #AssemblyElectionResults2018 pic.twitter.com/pHXe4PwhPr
— ANI (@ANI) December 11, 2018
बता दें कि अगल-अलग राज्यों में मतदान कई चरणों में सम्पन्न हुआ था। छत्तीसगढ़ में 18 सीटों के लिए 12 नवंबर तथा 72 सीटों के लिए 20 नवंबर को मतदान हुआ था। मध्य प्रदेश में 230 सीटों के लिए तथा मिजोरम में 40 सीटों के लिए 28 नवंबर को मतदान हुआ था। राजस्थान में 199 सीटों तथा तेलंगाना में 119 सीटों के लिए सात दिसंबर को मतदान हुआ था। राजस्थान की एक सीट पर एक उम्मीदवार की मौत के कारण चुनाव रद्द हो गया था।