“रॉटेन टाटा”: BJP सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने टाटा संस के एयर इंडिया की बोली जीतने की ख़बरों के बीच कानूनी लड़ाई शुरू करने की दी धमकी

0

हमेशा अपने बयानों को लेकर मीडिया की सुर्खियों में रहने वाले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने टाटा संस के एयर इंडिया की खरीदारी के लिए सबसे ज्यादा कीमत लगाकर बोली जीतने की ख़बरों के बीच टाटा संस के खिलाफ कानूनी लड़ाई शुरू करने की धमकी दी है।

एक ट्विटर यूजर के ट्वीट का जवाब देते हुए सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, “हां, मैं हस्ताक्षर और मुहर लगाने के बाद अदालत में जा सकता हूं, इस स्तर पर नहीं।”

एक अन्य ट्वीट में स्वामी ने टाटा संस के चेयरमैन रतन टाटा के लिए अपने ‘रॉटेन टाटा’ वाले मजाक को दोहराते हुए लिखा, “J.R.D. टाटा को मुआवजा दिया गया था और जेआरडी कई वर्षों तक एयर इंडिया के अध्यक्ष बने रहने के लिए सहमत हुए थे। रॉटेन टाटा, दत्तक नौसेना का पुत्र है। टाटा की ज्यादातर कंपनियों में आरटी घाटे में रही है। उन्होंने सक्षम अधिकारियों को बाहर कर दिया है। एयर एशिया, जिसमें आरटी की बहुलांश हिस्सेदारी है, संकट में है।”

समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ दिन पहले स्पाइसजेट के प्रमोटर अजय सिंह सहित वित्तीय बोलियां भी खोली गई थीं, जब कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में विनिवेश पर सचिवों के कोर ग्रुप ने बुधवार को उनकी समीक्षा की थी। इन बोलियों का मूल्यांकन अब गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में एयर इंडिया के निजीकरण पर मंत्रियों की समिति द्वारा किया जाएगा।

हालांकि, भारत सरकार के लिए विनिवेश का कामकाज देखने वाले सरकारी विभाग (DIPAM) के सचिव तुहिन कांता पांडे ने कहा कि टाटा संस की बोली को सरकार ने मंजूरी नहीं दी थी। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि एयर इंडिया के लिए फाइनेंशियल बोली को मंजूरी मिल गई है। यह गलत रिपोर्ट है। सरकार इस संबंध में जब फैसला लेगी, मीडिया को सही जानकारी शेयर की जाएगी। अभी तक इस संबंध में फैसला नहीं लिया गया है।

दरअसल, कुछ मीडिया रिपोर्ट में सरकारी सूत्रों के हवाले से गुरुवार को दावा किया गया था कि सरकार ने टाटा संस की बोली को एयर इंडिया के लिए मंजूरी दी है। सूत्रों के हवाले से यह दावा किया गया कि टाटा सन्स ने मिनिमम रिजर्व प्राइस के मुकाबले 3000 करोड़ रुपए ज्यादा की बोली लगाई थी।

साल 2018 में भी मोदी सरकार ने एयर इंडिया में अपने 76 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया। लेकिन उस वक्त किसी भी खरीददार की तरफ से दिलचस्पी नहीं दिखाई गई थी। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, बोली के विजेता के पास मुंबई में एयर इंडिया की इमारत और दिल्ली में एयरलाइंस हाउस भी होगा।

Previous article“These people are giving journalists appalling name”: Arnab Goswami’s Republic TV, TV9 Bharatvarsh earn global shame for fake news
Next articleपैरालंपिक खिलाड़ी वरुण सिंह भाटी ने यूपी सरकार पर लगाया भेदभाव का आरोप, बोले-“RIO 2016 में जीते हुए कांस्य पदक की नकद पुरस्कार राशि मुझे अब तक नहीं मिली”