हमेशा अपने बयानों को लेकर मीडिया की सुर्खियों में रहने वाले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने टाटा संस के एयर इंडिया की खरीदारी के लिए सबसे ज्यादा कीमत लगाकर बोली जीतने की ख़बरों के बीच टाटा संस के खिलाफ कानूनी लड़ाई शुरू करने की धमकी दी है।
एक ट्विटर यूजर के ट्वीट का जवाब देते हुए सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, “हां, मैं हस्ताक्षर और मुहर लगाने के बाद अदालत में जा सकता हूं, इस स्तर पर नहीं।”
एक अन्य ट्वीट में स्वामी ने टाटा संस के चेयरमैन रतन टाटा के लिए अपने ‘रॉटेन टाटा’ वाले मजाक को दोहराते हुए लिखा, “J.R.D. टाटा को मुआवजा दिया गया था और जेआरडी कई वर्षों तक एयर इंडिया के अध्यक्ष बने रहने के लिए सहमत हुए थे। रॉटेन टाटा, दत्तक नौसेना का पुत्र है। टाटा की ज्यादातर कंपनियों में आरटी घाटे में रही है। उन्होंने सक्षम अधिकारियों को बाहर कर दिया है। एयर एशिया, जिसमें आरटी की बहुलांश हिस्सेदारी है, संकट में है।”
J.R.D.TATA was given compensation &JRD agreed to remain Chairman of Air India for several years. Rotten Tata, is son of adopted Naval. RT has been in losses in most of Tata companies. He has pushed out able executives. Air Asia in which RT has majority shares is in a mess.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) October 1, 2021
समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ दिन पहले स्पाइसजेट के प्रमोटर अजय सिंह सहित वित्तीय बोलियां भी खोली गई थीं, जब कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में विनिवेश पर सचिवों के कोर ग्रुप ने बुधवार को उनकी समीक्षा की थी। इन बोलियों का मूल्यांकन अब गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में एयर इंडिया के निजीकरण पर मंत्रियों की समिति द्वारा किया जाएगा।
हालांकि, भारत सरकार के लिए विनिवेश का कामकाज देखने वाले सरकारी विभाग (DIPAM) के सचिव तुहिन कांता पांडे ने कहा कि टाटा संस की बोली को सरकार ने मंजूरी नहीं दी थी। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि एयर इंडिया के लिए फाइनेंशियल बोली को मंजूरी मिल गई है। यह गलत रिपोर्ट है। सरकार इस संबंध में जब फैसला लेगी, मीडिया को सही जानकारी शेयर की जाएगी। अभी तक इस संबंध में फैसला नहीं लिया गया है।
दरअसल, कुछ मीडिया रिपोर्ट में सरकारी सूत्रों के हवाले से गुरुवार को दावा किया गया था कि सरकार ने टाटा संस की बोली को एयर इंडिया के लिए मंजूरी दी है। सूत्रों के हवाले से यह दावा किया गया कि टाटा सन्स ने मिनिमम रिजर्व प्राइस के मुकाबले 3000 करोड़ रुपए ज्यादा की बोली लगाई थी।
साल 2018 में भी मोदी सरकार ने एयर इंडिया में अपने 76 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया। लेकिन उस वक्त किसी भी खरीददार की तरफ से दिलचस्पी नहीं दिखाई गई थी। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, बोली के विजेता के पास मुंबई में एयर इंडिया की इमारत और दिल्ली में एयरलाइंस हाउस भी होगा।