भगवान अयप्पा के मंदिर जाने की कोशिश करते हुए एहतियातन हिरासत में लिए गए केरल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के महासचिव के. सुरेन्द्रन को रविवार (18 नवंबर) को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया। जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। उन पर गैर जमानती अपराधों के आरोप लगाए गए हैं। पूजन सामग्री लेकर जा रहे सुरेन्द्रन को शनिवार की रात को निलक्कल से हिरासत में लिया गया था। वह दो अन्य लोगों के साथ सबरीमला स्थित मंदिर जा रहे थे।
(PTI Photo)आपको बता दें कि मलयाली पंचांग के पवित्र महीने ‘वृश्चिकम’ के पहले दिन शनिवार को हजारों श्रद्धालुओं ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच भगवान अयप्पा के दर्शन किए। इसी दौरान बीजेपी नेता को एहतियातन हिरासत में लिया गया और उन्हें निलक्कल आधार शिविर से हटा दिया गया। पुलिस अधीक्षक यतीश चंद्रा ने सुरेन्द्रन को सबरीमला की ओर न जाने के लिए कहा था लेकिन वह रुके नहीं। उन्हें शनिवार की रात को एहतियातन हिरासत में ले लिया गया और चित्तर पुलिस थाने लाया गया।
सुरेन्द्रन को रविवार तड़के पत्तनमतिट्टा जिला अस्पताल ले जाया गया और फिर प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट के समक्ष उनके घर पर उन्हें पेश किया गया। जहां से मजिस्ट्रेट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। पुलिस ने सुरेन्द्रन के खिलाफ आईपीसी की धारा 353 और 34 के तहत मामले दर्ज किए हैं।
पुलिस पर लगाया दुर्व्यवहार का आरोप
समाचार एजेंसी भाषा/पीटीआई के मुताबिक, पत्रकारों से बातचीत में सुरेन्द्रन ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया, उन्हें पानी, भोजन और दवाएं नहीं दी। उन्होंने आरोप लगाया कि यह गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित है और राज्य सरकार की प्रतिशोध की कार्रवाई है। बीजेपी नेताओं और अन्यों को पुलिस थाने लाने के तुरंत बाद शनिवार रात बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी चित्तर पुलिस थाने के सामने इकट्ठा हो गए।
बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ तिरुवनंतपुरम में राज्य सचिवालय और कोच्चि, कोट्टायम तथा कन्नूर समेत राज्य भर में प्रदर्शन किए। बीजेपी रविवार को विरोध दिवस मना रही है और वह सुबह 10 बजे से राजमार्गों पर वाहनों की आवाजाही अवरुद्ध करेगी। केरल में शनिवार को हिंदू एक्यावेदी अध्यक्ष पी के शशिकला की गिरफ्तारी के खिलाफ 12 घंटे की हड़ताल बुलाई की गई थी।