राजस्थान में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को बड़ा झटका लगा है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया से नाराज चल रहे बीजेपी के वरिष्ठ नेता घनश्याम तिवारी ने सोमवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को भेजा है। साथ ही घनश्याम तिवाड़ी ने ऐलान किया है कि अगले विधानसभा चुनाव में वह राज्य की सभी 200 विधानसभा सीटों पर अपनी पार्टी का उम्मीदवार खड़ा करेंगे।
पांच बार से विधायक तिवारी ने अपना इस्तीफा ऐसे समय पर दिया है जब दो दिन पहले ही उनके बेटे अखिलेश ने भारत वाहिनी पार्टी नाम से अलग पार्टी बनाई है। बीजेपी के बागी नेता और सांगानेर के विधायक घनश्याम तिवारी ने सोमवार (25 जून) को पार्टी से इस्तीफा देने की घोषणा करते हुए कहा कि वह अपनी नवगठित भारत वाहिनी से आगामी विधानसभा में सभी 200 सीटों पर अपने उम्मीदवार खडा करेगें।
समाचार एजेंसी वार्ता के मुताबिक घनश्याम तिवारी ने कहा कि वह लम्बे समय से पार्टी में लागू अघोषित आपातकाल के लिए संघर्ष करते रहे है और इसके लिए लगातार प्रदेश और केद्रीय नेतृत्व को आगाह करते रहे लेकिन इसके बावजूद भी पार्टी में आंतिरक लोकतंत्र की समाप्ति, केन्द्रीय नेतृत्व द्वारा प्रदेश के सामने घुटने टेकने की नीति से दुखी होकर इस्तीफा दे रहे है।
उन्होंने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को एक पत्र लिखकर पार्टी से अपना इस्तीफा स्वीकार करने का आग्रह किया। उन्होंने पत्र में पार्टी द्वारा देश में अघोषित आपात काल लागू कर सवेैधानिक संस्थाओं को पंगु बनाने, राजस्थान के सत्तालोलुप मंत्रियों के आगे घुटने टेकने, भ्रष्टाचार में लिप्त प्रदेश मंत्रिमंडल के लोगों को बढावा देने का आरोप भी लगाया।
तिवारी ने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को इस्तीफा भेजने के बाद अब उन्हें अलग से विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा देने की जरूरत नही है। तिवारी ने कहा कि बीजेपी छोड़ने का उन्हें अत्यंत दुख है। उन्होंने कहा कि आपातकाल लागू करने के दिन इस्तीफा देने का कारण यह है कि वह बीजेपी द्वारा देश में लगाए जा रहे अघोषित आपातकाल का विरोध का प्रतीक है।