बिहार की नीतीश सरकार ने मंगलवार को एक नया फरमान जारी किया, जिसमें कहा गया है कि अगर आप विरोध-प्रदर्शन या सड़क जाम करते हुए पकड़े जाते हो तो आपको सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी और ना ही आप कोई ठेका-पट्टा लेने लायक रहोंगे। नीतीश सरकार के इस नए फरमान पर RJD नेता तेजस्वी यादव से निशाना भी साधा है। उन्होंने कहा कि, बेचारे 40 सीट के मुख्यमंत्री कितने डर रहे है?
नीतीश सरकार ने ये तय किया है कि बिहार में नौकरी या ठेकेदारी उसी को मिलेगी जिसे पुलिस ने चरित्र प्रमाण जारी किया होगा। सरकार के खिलाफ जिसने विरोध प्रदर्शन या सड़क जाम किया होगा और ये बात पुलिस रिकार्ड में होगी तो फिर अच्छे चरित्र का प्रमाण पत्र नहीं नहीं मिलेगा। बिहार के डीजीपी ने आज इस संबंध में एक लंबा दिशा निर्देश जारी किया है।
डीजीपी के पत्र में मोटे अक्षरों में लिखे गये एक पाराग्राफ में साफ साफ लिखा है-यदि कोई व्यक्ति विधि-व्यवस्था की स्थिति, विरोध प्रदर्शन, सड़क जाम, इत्यादि मामलों में संलिप्त होकर किसी आपराधिक कृत्य में शामिल होता है और उसे इस कार्य के लिए पुलिस द्वारा आरोप पत्रित किया जाता है तो उनके संबंध में चरित्र सत्यापन प्रतिवेदन में विशिष्ट एवं स्पष्ट रूप से प्रविष्टि की जाए। ऐसे व्यक्तियों को गंभीर परिणामों के लिए तैयार रहना होगा क्योंकि उन्हें सरकारी नौकरी/ठेके आदि नहीं मिल पायेंगे।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता व बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने बिहार पुलिस मुख्यालय के नए नोटिफिकेशन को लेकर बेहद कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “मुसोलिनी और हिटलर को चुनौती दे रहे नीतीश कुमार कहते है अगर किसी ने सत्ता व्यवस्था के विरुद्ध धरना-प्रदर्शन कर अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग किया तो आपको नौकरी नहीं मिलेगी। मतलब नौकरी भी नहीं देंगे और विरोध भी प्रकट नहीं करने देंगे। बेचारे 40 सीट के मुख्यमंत्री कितने डर रहे है?”
मुसोलिनी और हिटलर को चुनौती दे रहे नीतीश कुमार कहते है अगर किसी ने सत्ता व्यवस्था के विरुद्ध धरना-प्रदर्शन कर अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग किया तो आपको नौकरी नहीं मिलेगी। मतलब नौकरी भी नहीं देंगे और विरोध भी प्रकट नहीं करने देंगे
बेचारे 40सीट के मुख्यमंत्री कितने डर रहे है? pic.twitter.com/h0TDkuR5vP
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) February 2, 2021