बिहार के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गुप्तेश्वर पांडेय का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल हो रहे वीडियो में दिख रहा है कि जब पत्रकारों ने बिहार में बढ़ते अपराध को लेकर डीजीपी से सवाल किया तो वो उलटे मीडिया वालों पर ही भड़क जाते है और फिर बढ़ रहे अपराध पर काफी सही बात कह डालते हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस अपना काम कर रही है, अपराध रोकना सिर्फ पुलिस का काम नहीं है। साथ ही उन्होंने अप्रत्यक्ष तौर पर भाजपा के शासन काल और जयंत सिन्हा पर भी निशाना साधा।
बिहार के डीजीपी से जब पत्रकारों ने हाल के दिनों में बढ़े अपराध की बात पूछी तो वह उल्टे पत्रकारों पर ही भड़क गए और पत्रकारों को नसीहत दे डाली। उन्होंने कहा, “आप या तो नई पत्रकारिता सीख रहे हैं, या फिर आपको सलीका नहीं है क्या सवाल करना चाहिए। कौन आदमी यह दावा कर सकता है कि जीवन में आज के बाद कोई अपराध नहीं होगा, सूबे में अपराध नहीं होगा। यह तो चूहे के बिल्ली की खेल की तरह है। अपराध होता है, अपराध होगा। पुलिस का काम है इसको रोकने की कोशिश करना और अगर नहीं रोक पाई, तो उसको डिटेक्ट करना। यह कोई धप्पा देने वाला है क्या कि आज के बाद कोई अपराध नहीं होगा।”
उन्होंने आगे कहा, ‘आपराधिक घटना को भगवान भी नहीं बचा सकते। आज बिहार में 15 से 18 वर्ष से भी कम के लड़के शराब और अन्य मादक पदार्थों का सेवन कर रहे हैं। अपराध रोकना सिर्फ पुलिस का काम नहीं है। जरूरत है समाज को भी बढ़-चढ़कर अपराध नियंत्रण में अपनी भागीदारी देने की, तभी अपराध पर अंकुश संभव होगा।’
डीजीपी ने आगे अप्रत्यक्ष तौर पर भाजपा के शासन काल और जयंत सिन्हा पर निशाना साधते हुए कहा कि, “जात के नाम पर अपराधी का समर्थन करते हो, मजहब के नाम पर अपराधी का समर्थन करते हो। दल के नाम पर अपराधी का समर्थन करते हो, अपराधी को हिरो बनाते हो। उसकी पूजा करते हो, उसका स्वागत करते हो, माला पहनाते हो और अपराध रोकने की बात करते हो। अपराध रोकने का काम केवल पुलिस का नहीं है। समाज के सारे लोगों को जगना होगा, उठना होगा। अपराध के संस्कृति के खिलाफ लड़ना होगा, तभी समाज में अपराध पूरी तरह से नियंत्रण में हो सकता है।”
अपने इस वीडियो के जरिए बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने अप्रत्यक्ष तौर पर मोदी सरकार के 6 सालों का कच्चा चिट्ठा खोलकर रख दिया है। गौरतलब है कि, 2014 के बाद से अब अक्सर हर अपराध के पीछे भाजपा की आईटी सेल अपराधी का धर्म ढूंढने का काम करती है। यह प्रवृत्ति पहले नहीं थी और शायद इसी की तरफ DGP ने इशारा किया है।
DGP Bihar Sh. Gupteshwar Pandey IPS, supporting his men after a successful operation . True leadership quality ?@IPS_Association pic.twitter.com/LRQAr7sh8C
— Pankaj Nain IPS (@ipspankajnain) December 4, 2019
#NewsAlert | Curbing crimes is not only the police's job. In the name of caste, religion, party, the perpetrators are supported. Criminals are made heroes and worshipped: Bihar DGP Gupteshwar Pandey | @prabhakarjourno with more details#RageAgainstRape | #IndiaForWomen pic.twitter.com/1i7xB3UcaR
— News18 (@CNNnews18) December 7, 2019
बता दें कि, जून 2017 में झारखंड के रामगढ़ में कुछ लोगों ने अलीमुद्दीन नाम के शख्स को पीट-पीटकर मार डाला था। इस घटना के आरोपियों को भाजपा नेता जयंत सिन्हा ने जमानत पर छूटने के बाद माला पहनाकर सम्मानित किया था। इस घटना से जुड़ी तस्वीरें सोशल मीडिया में आने के बाद जबर्दस्त हंगामा मचा था और जयंत सिन्हा को सफाई देनी पड़ी थी।