भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश से भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए नोटबंदी, जीएसटी और डिजिटल इंडिया जैसे हथियारों का सहारा ले रहे हैं, लेकिन हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का कहना है कि देश से भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए भगवत् गीता ही काफी है। जा हां, खट्टर ने कहा है कि ‘भगवत् गीता’ के उपदेशों के सहारे भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म किया जा सकता है।
file photoन्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा के सीएम ने कहा कि भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए लोगों के जीवन स्तर को बढ़ाने की जरूरत है और ऐसा करना सिर्फ ‘गीता’ के उपदेशों से ही संभव है। रिपोर्ट के मुताबिक कुरुक्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में आयोजित एक सेमिनार को संबोधित करते हुए खट्टर ने राजनीति में भी ‘गीता’ की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आज के दौर में ‘गीता’ राजनेताओं को सही दिशा दिखा सकती है।
PTI के मुताबिक इस दौरान अपने संबोधन में खट्टर ने कहा कि, ‘हम भ्रष्टाचार पर कानून और न्याय के सहारे लगाम कस सकते हैं, लेकिन उसे हर स्तर पर जड़ से उखाड़ने के लिए लोगों के जीवन स्तर को सुधारना होगा। यह तभी संभव है जब लोग पवित्र गीता के उपदेशों को अपनाएं।’
सीएम ने कहा भगवत् गीता ही जिंदगी का सार है और कुरुक्षेत्र की पवित्र धरती पर ही भगवान श्री कृष्ण ने गीता का संदेश दिया था। उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण के उपदेश सिर्फ देश के लिए ही नहीं, पूरी दुनिया के लिए प्रासंगिक हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विचार गोष्ठी का शीर्षक (डिजिटल युग में स्व-अन्वेषण: श्रीमद् भगवत् गीता दर्शन के परिप्रेक्ष्य में) बिल्कुल सही रखा गया है, क्योंकि डिजिटल व्यवस्था आज पूरी दुनिया के लिए बड़ी जरूरत बन गई है।
उन्होंने कहा कि, ‘डिजिटाइजेशन से हमें कोई भी जानकारी सिर्फ एक क्लिक पर मिल जाती है। प्रदेश सरकार ने गुड गवर्नेंस सुनिश्चित करने के लिए और प्रशासन में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए कई ई-इनिशटिव्स लिए हैं। प्रदेश के लगभग 1,150 गांवों में कम से कम 183 ई-सर्विसेज उपलब्ध कराई गईं हैं।’ कार्यक्रम में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद थे।